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विद्युत निदेशालय के वातावरण को बनाया जायेगा भ्रष्टाचार मुक्त एवं पारदर्शी

विद्युत सुरक्षा निदेशालय मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव और उनके प्रतिनिधि मंडल ने आज निदेशक विद्युत सुरक्षा शुभ्रा सक्सेना (आईएएस) का भव्य स्वागत किया। इस दौरान संगठन के कार्यकर्ताओं ने उन्हें स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ भेंट किया। इस दौरान विशिष्ट अतिथि राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पांडे, महामंत्री सुशील कुमार बच्चा मौजूद थे। नवनियुक्त निदेशक शुभ्रा सक्सेना कर्मचारी प्रतिनिधिमंडल की बातें ध्यान से सुनी और कहा कि निदेशालय में भ्रष्टाचार मुक्त एवं पारदर्शी वातावरण हर हाल में बनाया जाएगा।

इस दौरान शुभ्रा सक्सेना ने कहा वे गलत कार्य किसी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मुझसे हर कर्मचारी बिना झिझक अपनी बात कर सकते है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें की आप जनता से सीधे जुड़े है इसलिए आप को बेहतर कार्य कर अपनी और विभाग की छबि को बेहतर बनाना होगा। इस दौरान प्रतिनिधि मण्डल में महामंत्री अरूण कुमार वाजपेयी, जहीरूलहसन, सुनील कपूर, रवीन्द्र दीक्षित, पवन कुमार गौड़, सुशीला परिहार, जया चौहान, रमेश कुमार, इं. सुरभि वर्मा, सावन कुमार, अमित कुमार श्रीवास्तव एवं सूजीत कुमार शामिल रहे।

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फर्जी हस्ताक्षर कर निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने का आरोप

भ्रष्टाचार के आरोपी राजेश कुमार श्रीवास्तव स्टेनो के विरूद्ध गम्भीर आरोप होने के बावजूद उनके विरूद्ध कार्यवाही न कर उन्हें प्रश्रय दिया जाना। राजेश पर फर्जी हस्ताक्षर कर निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने का आरोप हैं। पूर्वनिदेशक विजयपाल सिंह द्वारा श्रीवास्तव के हस्ताक्षर की फॉरेंसिक जाॅच कराई गई थी जिसमें श्रीवास्तव दोषी सिद्ध पाये गये थे। ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने के बजाये कार्यवाहक निदेशक द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है। निदेशालय में आऊटसोर्सिंग के द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को बिना उपस्थिति के भुगतान किस आधार पर किया जा रहा है? विद्युत सुरक्षा निदेशालय में निदेशक का पद रिक्त चल रहा है कार्यवाहक निदेशक द्वारा जानबूझकर अपने स्वार्थवश निदेशक पद हेतु डी0पी0सी0 कराने में रूचि नहीं ली जा रही है। स्थाई निदेशक न होने से निदेशालय के कामकाज प्रभावित हो रहें है।

दुर्घटनाओं की जाॅच में भयंकर अनियमितता

ओम प्रकाश उपनिदेशक मुख्यालय द्वारा सहायक निदेशक लखनऊ जोन के पद पर रहते हुये विद्युत दुर्घटनाओं की जाॅच में भयंकर अनियमितता बरती गई थी। सदर विधायक बाराबंकी एवं जिलाधिकारी बाराबंकी के द्वारा ओम प्रकाश की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठाया गया। इनके विरूद्ध जाॅच हेतु पत्र लिखा गया किन्तु कार्यवाहक निदेशक द्वारा ओमप्रकाश के प्रति सहानुभूति बरतते हुये उन्हें कार्यवाही से बचा लिया गया और मुख्यालय में तैनाती करा दी गई। जाॅच से संबंधित कार्यवाही से शासन को आज तक अवगत नही कराया गया? अस्वस्थ एवं जरूरतमंद कर्मचारी रामकृृष्ण वरिष्ठ सहायक का स्थानान्तरण बार-बार अनुरोध किये जाने के बाद भी लखनऊ नहीं किया जा रहा है। राम कृृष्ण 1 वर्ष में रिटायर होने वाले हैं और शासन की स्थानान्तरण नीति है कि रिटायरमेंट के करीब व्यक्ति का स्थानांतरण ऐच्छिक स्थान पर किये जाने का प्रावधान है। वहीं पवन कुमार, धनंजय सिह एवं रवीन्द्र श्रीवास्तव का स्थानान्तरण नियमविरूद्ध तरीके से लखनऊ कर दिया जाता है?

फर्जी तरीके से किया जा रहा निरीक्षण

विद्युत अधिष्ठापनों का फर्जी निरीक्षण कर एन0ओ0सी0 जारी किया जाना, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत सब-स्टेशन एवं लाइनों का निरीक्षण फर्जी तरीके से किया जा रहा हैं। निरीक्षणकर्ता कार्यस्थल पर गये बिना ही अनियमित तरीके से फर्जी रिपोर्ट जारी कर रहें है। जिससे विभाग की छवि शासन/सरकार में धूमिल हो रही है और बिना स्थल निरीक्षण के रिपोर्ट जारी कर लाइन एवं सबस्टेशन ऊर्जीकृृत कर दिये जाने से विद्युत दुर्घटनाओं की संभावना भी बनी रहती हैं। इसकी विस्तृृत जाॅच शासन/सतर्कता विभाग से कराई जाये? कर्मचारियों के वर्षो से बकाया एरियर का भुगतान न करके लाखों का बजट शासन में सरेंडर कर दिया गया है। यह एक गम्भीर वित्तीय अनियमितता की गयी है? कार्यवाहक निदेशक द्वारा स्वच्छता की शपथ दिलाई गई किन्तु कार्यालय मे साफ सफाई की स्थिति अत्यंत खराब है। कार्यालय परिसर एवं बाथरूम में भीषण गंदगी व्याप्त है। स्वच्छता (movement) अभियान में निदेशालय शपथ तक ही सीमित रहा।

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