बजट के प्रस्ताव अर्थव्यवस्था को भविष्य में मजबूती प्रदान करेगी। केन्द्रीय बजट 2017-18 को एक ऐतिहासिक बजट कहा जा सकता है।
- 93 वर्षों बाद रेलवे बजट का मुख्य बजट में समाहित होना, सार्वजनिक व्यय के योजनागत एवं मेरे योजनागत व्यय के रूप में विभाजन का अन्त को इस बजट की नई प्रवृत्तियों की संज्ञा दी जा सकती है।
- यह बातें विद्यान्त हिन्दू पीजी कॉलेज परिचर्चा में अध्यापकों ने कहीं।
कृषि क्षेत्रों में सुविधाये बढ़ाने के साथ ग्रामीण विकास की बात
- लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. यशवीर त्यागी ने चाणक्य परिषद द्वारा बजट पर आयोजित परिचर्चा में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि बजट के दूरगामी सकारात्मक परिणाम होंगे।
- बजट का मुख्य फोकस कृषि क्षेत्रों में सुविधाएं बढ़ाने तथा ग्रामीण विकास को है।
- इसके लिए 1,86,000/- करोड़ रुपये आवंटित किया गया है।
- देश में अधोसंरचना को मजबूत करने की दिशा में भी बजट का मुख्य जोर है।
- परिचर्चा अध्यक्षता डाॅ. गोपाल चक्रवर्ती ने की।
- इसके पहले परिचर्चा के संयोजक और अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष राकेश कुमार मिश्र ने विषय प्रवर्तन किया उन्होंने बजट को ऐतिहासिक बताया।
- परिचर्चा में भाग लेते हुए वाणिज्य के विभागाध्यक्ष डाॅ. राजीव शुक्ल ने आयकर को तर्कसंगत बनाने पर बल दिया।
- पूर्व विभागाध्यक्ष डाॅ. मुकेश श्रीवास्तव ने कहा कि यह बजट कृषि व ग्रामीण क्षेत्र के लिए लाभकारी साबित होगा।