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जहरीली शराब: मौत के आकड़ों को क्यों कम बता रही है सरकार!

azamgarh illicit liquor incident

आजमगढ़ में जहरीली शराब पीने से मरने वालों को लेकर आज विधानसभा में हंगामा हुआ. बसपा ने विधानसभा में आजमगढ़ जहरीली शराब का मुद्दा उठाया था. इसको लेकर सरकार और विपक्ष में गरमागर्म बहस हुई. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने आकंड़ों में हेर-फेर किया है. कांग्रेस ने कहा कि मरने वालों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाये.

वहीँ संसदीय मंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरकार शराब पीने के कारण हुई मौतों को लेकर गंभीर है. इस घटना की जाँच के आदेश दे दिए गए थे. मजिस्ट्रेट जाँच के बाद इस घटना से पर्दा उठ जायेगा.

5-5 लाख मुआवजा देने की मांग :

उन्होंने कहा कि 169 करोड़ रूपए बाढ़ नियंत्रण के लिए सरकार ने दिए हैं.
सरकार बाढ़ नियंत्रण में कोई लापरवाही नहीं कर रही है.
सरकार ने अलग से बाढ़ नियंत्रण के लिए रकम दी है.
वहीँ बसपा ने विधानसभा में आजमगढ़ जहरीली शराब का मुद्दा उठाया.
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख मुआवजा देने की मांग की गई.
उन्होंने सदन में कहा कि आजमगढ़ में कुल 15 लोगों की मौत हुई.
मृतकों की संख्या में कोई तोड़मरोड़ नहीं किया गया है.
उन्होंने बताया कि कल सरकार के मंत्री आजमगढ़ जाएंगे.
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देंगे.

मजिस्ट्रेट जाँच के दिए गए थे आदेश:

  • 21 लोगों के मरने की खबर आ चुकी थी
  • वहीँ डीएम आजमगढ़ ने पूरे मामले की जाँच के आदेश दे दिए थे.
  • मजिस्ट्रेट जाँच के जरिये इस मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

काल बनी जहरीली शराब:

  • जानकारी के मुताबिक, आजमगढ़ के रौनापार थाना क्षेत्र के सरदौली गरथौली बुढ़ानपुर केवटहिया और ओड़रा सलेमपुर गांव में गुरुवार की रात जहरीली शराब पीने से 21 लोगों की मौत की खबर थी. जबकि सरकार ने 15 लोगों के मरने की बात कही है.
  • इस घटना में एक दर्जन से अधिक लोग बीमार हो गए थे.
  • सूचना मिलने के बाद डीआईजी, एसपी, आबकारी के डिप्टी कमिश्नर मौके पर पहुंचे और शवों को बगैर पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया.
  • जबकि छह लोगों की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.

वहीँ स्थानीय ख़बरों के मुताबिक, 20 से अधिक लोगों के मरने की खबर थी. जबकि सरकार का कहना है कि 15 लोगों की मृत्यु हुई है. ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार क्यों मरने वालों के आकंड़ों को कम कर बता रही है.

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