स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अभियान की प्रगति एवं उसके संचालन में अनुभव की जा रही चुनौतियों पर चर्चा करने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार 16 अक्टूबर 2017 को सचिवालय स्थित तिलक हाल में मीडिया प्रतिनिधियों की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 125 प्रतिभागी उपस्थित रहें। Swachh Bharat Mission (gramin)
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- इस कार्यशाला में मुख्य रुप से पंचायती राज मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज विभाग, प्रमुख सचिव सूचना, मीडिया जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधि, समस्त जिलों के जिला सूचना अधिकारी, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण, यूनिसेफ तथा अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं जनपदों में इस अभियान के अंतर्गत उत्कृष्ट योगदान देने वाले चैंपियंस उपस्थित रहे।
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चार में से एक बच्चा डायरिया से प्रभावित
- इस माह के शुरू में जारी एनएफएचएस-4 के आंकड़ों के अनुसार 1 वर्ष से कम उम्र के 4 में से एक बच्चा इस प्रदेश का होता है जो डायरिया से प्रभावित होता है।
- अशुद्ध पेयजल एवं खुले में शौच के कारण डायरिया, टाइफाइड, पीलिया, हेपेटाइटस मलेरिया, फाइलेरिया, कालरा, इंसेफेलाइटिस आदि जल जनित बीमारियां होती हैं।
- प्रदेश में प्रति वर्ष 5 वर्ष से कम आयु के लाखों बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती है।
- अन्य कुपोषण का शिकार हो जाते हैं।
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बच्चों की मृत्यु तीसरा प्रमुख कारण है डायरिया
- उल्लेखनीय है कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु तीसरा प्रमुख कारण डायरिया है।
- इसके अतिरिक्त खुले में शौच जाने के कारण जहां एक ओर महिलाओं को असुविधा होती है।
- वहीं दूसरी ओर उनके साथ अपराधिक घटनाएं घटित होती हैं। Swachh Bharat Mission (gramin)
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता एवं परंपरागत खुले में शौच की प्रवत्ति पर रोक लगाने और ग्रामवासियों के जीवन की गुणवत्ता का स्तर ऊंचा उठाने तथा महिलाओं के आत्मसम्मान के उद्देश्य से प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का शुभारंभ किया गया।
- यह कार्यक्रम वर्तमान में केंद्र सरकार व राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में है।
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51 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को मिली शौचालय की सुविधा
- कार्यक्रम के अतिशय महत्व को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 2 अक्टूबर 2018 तक पूरे प्रदेश को खुले में शौचमुक्त घोषित किया जाए।
- इस कार्यक्रम में प्रदेश में अभी तक लगभग 51 प्रतिशत ग्रामीण परिवार को उनके घर में उपयोगी शौचालय की सुविधा मिल पाई है।
- प्रदेश में ग्रामीण समुदाय में व्यवहार परिवर्तन के साथ व्यक्तिगत शौचालय के निर्माण को गति प्रदान की गई है।
- ताकि निश्चित समयावधि में प्रदेश को खुले में शौचमुक्त बनाया जा सके। Swachh Bharat Mission (gramin)
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स्वच्छाग्रही अभियान की हैं रीढ़
- पिछली 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत प्रदेश के लगभग 3.52 लाख शौचालयों का निर्माण कराकर उत्तर प्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहा।
- इस वर्ष 2017-18 में अभी तक 15,55,693 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराकर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने में सफल रहा।
- इस अभियान में प्रत्येक ग्राम पंचायत में जन जागरूकता पैदा करने के लिए प्रशिक्षित स्वच्छाग्रहीयों की तैनाती की जा रही है।
- यह स्वच्छाग्रही ही इस अभियान की रीढ़ की हड्डी हैं।
- जो ग्रामीण समुदाय के साथ मिलकर उन्हें स्वच्छ व्यवहार अपनाने के लिए जागरुक कर रहे हैं।
- अब तक कुल 30,000 सत्याग्रहियों को प्रशिक्षित कर ग्राम का स्वामित्व दे दिया गया है।
- जिसे निकट भविष्य में 50,000 किया जाना निर्धारित किया गया है।
82 हजार राजमिस्त्रियों को किया गया प्रशिक्षित
- प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में गुणवत्ता परक शौचालयों के निर्माण के उद्देश्य से लगभग एक लाख प्रशिक्षित राज मिस्त्रियों की फ़ौज तैयार करने का कार्य शुरु किया है।
- ताकि केवल सही डिजाइन व तकनीक से 2 गड्ढे वाली पोर-प्लस शौचालयों का निर्माण हो सके।
- अब तक लगभग कुल 82000 राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित कर शौचालय निर्माण के लिए डिप्लॉय किया जा चुका है। Swachh Bharat Mission (gramin)
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत निर्धारित निर्माणाधीन शौचालय से संबंधित निर्माण श्रमिकों एवं राज्य में स्त्रियों का श्रम विभाग में पंजीकरण भी कराया जा रहा है।
- जिससे उनको श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ मिल सके।
अब तक 6 जिले खुले में शौचमुक्त घोषित
- अभियान के अंतर्गत प्रदेश में अब तक कुल 6 जिले शामली, बिजनौर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ और गौतमबुद्ध नगर तथा कुल 13147 गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं।
- पिछले वर्ष इस अवधि में केवल 1,946 गांव ही खुले में शौचमुक्त हो पाए थे।
- जबकि इस साल इस अवधि में 7029 गांव को खुले में शौचमुक्त बनाया गया है।
- जो पिछले वर्ष की तुलना में 3 गुना से अधिक है।
गंगा किनारे के 1605 गांव खुले में शौचमुक्त
- उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे स्थित 25 जिलों में गंगा किनारे के 1605 गांवों को वर्तमान साल में खुले में शौचमुक्त घोषित कर दिया गया है। Swachh Bharat Mission (gramin)
- गंगा की धारा को फिर से निर्मल करने और उनकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए इन गांव के निवासियों के लिए शौचालयों का निर्माण कराकर और उनके साफ-सफाई संबंधी व्यवहार में परिवर्तन लाकर गंगा को और मलिन होने से बचाने में बड़ी सफलता मिली है।
- प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक एवं अपर प्राथमिक विद्यालयों में भी छात्र और छात्राओं को उनकी सुविधा के अनुसार बालमैत्रिक शौचालय उपलब्ध कराया जा रहा है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सभी प्राथमिक एवं अपर प्राथमिक विद्यालयों में यद्यपि शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।
- परंतु उनमे समुचित स्वच्छता सुविधाओं की अनुपलब्धता एवं उनके रखरखाव के अभाव में बच्चे विशेष रुप से छात्राओं को व्यापक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
- जिसके कारण छात्राएं बीच में ही ड्रॉपआउट कर जाती हैं और भविष्य में शिक्षा से वंचित हो जाती हैं।
- इस दृष्टिकोण से सभी विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में शौचालयों को बाल मैट्रिक बनाने की कार्यवाही शुरु कर दी गई है। Swachh Bharat Mission (gramin)
- इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों में शुरू से ही स्वच्छ आदतों का विकास होगा और भविष्य में स्वत आई खुले में शौच की प्रवृत्ति पर विराम लग जाएगा।
- छोटे बच्चे लगातार स्कूलों में शौचालय का प्रयोग करने के उपरांत अपने माता-पिता एवं समुदाय को भी शौचालय का प्रयोग करने के लिए स्वच्छता के संदेश वाहक बन जाएंगे।