श्री श्री रविशंकर से उनके आश्रम बंगलोर में रामजन्म भूमि/बाबरी मस्जिद विवाद को समझौते से हल करने के सिलसिले में वसीम रिजवी ने मुलाकात की. वसीम रिजवी ने श्री श्री रविशंकर को शिया वक़्फ़ बोर्ड की अपनी राय से अवगत कराया कि श्रीराम मन्दिर रामजन्म भूमि पर ही बनना चाहिए, वसीम रिजवी ने बताया कि इस सिलसिले में श्रीराम मन्दिर निर्माण की न्यायालय में लड़ाई लड़ रहे सभी महंतो/ व्यक्तियो से मिल चुका हूं. सभी श्रीराम मन्दिर निर्माण के लिए बातचीत करने के लिए तैयार है।
शिया वक्फ बोर्ड राम मंदिर के पक्ष में:
- शिया वक़्फ़ बोर्ड आपसी समझौते के बिंदु तैयार कर रहा है.
- शिया वक़्फ़ बोर्ड नही चाहता है की अब श्रीराम जन्मभूमि पर कोई नई मस्जिद बने.
- मस्जिद किसी मुस्लिम आबादी में ही बनाई जाये.
- अयोध्या फैज़ाबाद में जितनी मस्जिद है वो वहाँ के मुसलमानों के लिए काफी है.
- वहाँ एक नई मस्जिद की अब कोई ज़रूरत नही है.
श्रीराम जन्मभूमि/ बाबरी मस्जिद के मामले में समझौते की बात में विवादित जगह पर मस्जिद बनाने या उसके आसपास मस्जिद बनाने की शर्त रखने वाले विवाद को बनाये रखने की साज़िश कर हो रही है.
गुरुदेव की पहल एक मिसाल:
- ऐसे लोग देश में धार्मिक फ़साद करना चाहते है.
- उनके मंसूबा देश में खून खराबा करने का है.
- ध्वस्त की गई बाबरी मस्जिद शिया समुदाय की वक़्फ़ मस्जिद थी.
- इस मामले से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से कोई मतलब नही है.
- सिर्फ शिया वक़्फ़ बोर्ड को इस मामले निर्णय लेने का अधिकार है.
- उन्होंने बताया कि मैंने श्री श्री रविशंकर को अपना मक़सद साफ साफ बता दिया है.
- शिया वक़्फ़ बोर्ड श्रीराम के नाम पर झगड़ा नही समझौता चाहता है.
- श्री श्री रविशंकर (गुरदेव) के इस मामले में समझौते के प्रयासों की सराहना की.
- और कहा कि श्री श्री रविशंकर जैसे महान व्यक्ति अगर इस मामले में आगे आये तो हिन्दू मुस्लिम भाईचारे को बल मिलेगा.