उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला में गांव के बाद अब शहर में भी प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में वसूली का खेल सामने आया है। सर्वे के लिए नामित संस्था के जिला कोऑर्डिनेटर ने आवास दिलाने के नाम पर गरीबों से एक हजार से लेकर तीन हजार रुपये तक वसूली कर ली। इसके बाद अपात्रों के नाम भी सूची में डाल दिए गए। मामले का खुलासा होने पर जिला समन्वयक को बर्खास्त कर दिया गया। इस संबंध में परियोजना अधिकारी डूडा गोंडा वीके शुक्ल ने बताया कि सर्वे के लिए शासन द्वारा एक संस्था नामित है। जिला कोऑर्डिनेटर द्वारा वसूली किए जाने की शिकायतें आयी थीं। संस्था ने जिला कोआर्डिनेटर नुरुल आमीन को सेवा से मुक्त कर दिया है।
जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) शहर में रहने वाले बेघर गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित कर रहा है। आवास निर्माण के लिए 2.50 लाख रुपये की मदद दी जाती है, इसके लिए आवेदक के पास खुद की जमीन होना आवश्यक है। आवेदन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया तय की गई थी। इसके बाद आवेदन पत्रों की जांच व सर्वे के लिए एक निजी संस्था को शासन द्वारा नामित किया गया था। संस्था ने कार्य कराने को लेकर जिले स्तर पर नुरुल आमीन को जिला कोऑर्डिनेटर के पद पर तैनाती दी थी। आवास के लिए जिले के नगर निकायों में करीब 2200 लोगों को पात्र चिन्हित किया गया है। अकेले नगर पालिका गोंडा में 965 आवेदक पात्र बताए गए हैं। जांच के दौरान पात्रता सूची में शामिल 153 लोग अभी तक अपात्र पाए गए हैं। परियोजना अधिकारी के मुताबिक जिला समन्वयक द्वारा आवास दिलाने के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत मिली थी। जांच कराने पर आरोप सही पाए गए जिसकी सूचना संस्था के उच्चाधिकारियों को भेजी गयी थी। इस कारण कोऑर्डिनेटर को बर्खास्त कर दिया गया।
एक करोड़ की रंगदारी के आरोप में दो गिरफ्तार
अंबेडकरनगर जिला में कोतवाली अकबरपुर क्षेत्र में सराफा व्यवसायी से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले का 24 घंटे के भीतर राजफाश करने में पुलिस सफल हुई है। पुलिस ने दो नाबालिग को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से वारदात में प्रयुक्त मोबाइल, सिमकार्ड एवं चाभी का छल्ला बरामद किया है। बाद में पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। नगर के मालीपुर मार्ग निवासी सराफा व्यवसायी राजकुमार सेठ की शहजादपुर कस्बे के गल्ला मंडी में आभूषण की दुकान है। गत मंगलवार को वह लखनऊ के सहारा अस्पताल गए थे। जहां उनके मोबाइल पर फोन कर बसपा नेता जुरगाम मेंहदी के नाम पर एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी।
मांगी गई रकम नगर के होटल सांई प्लाजा में पहुंचाने की बात कही गई थी। रुपये न देने पर व्यवसायी को जान से मारने की धमकी दी गई थी। जिसकी शिकायत डरे सहमे व्यवसायी ने घर वापस लौटने पर बुधवार को पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर की थी। मामले में पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। मामले की तफ्तीश में एसपी ने सर्विलांस, स्वाट एवं कोतवाली पुलिस की टीम को लगाया था। जिसके उपरांत तफ्तीश में जुटी पुलिस ने सर्विलांस के सहारे नगर के बरवां नासिरपुर निवासी दो नाबालिग को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसके उपरांत पुलिस ने उनके कब्जे से वारदात में प्रयुक्त सिमकार्ड, मोबाइल एवं चाभी का छल्ला बरामद किया है। पुलिस लाइंस में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि जल्द रुपये कमाने के चक्कर में किशोरों ने वारदात को अंजाम दिया। जिन्हें गिफ्तार कर बाल सुधार गृह भेजा जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों का कोई आपराधिक रिकार्ड भी नहीं है।