उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण कार्यवाही के उद्देश्य से जनपद में 01 अक्टूबर से 15 अक्टूबर, 2018 से संचालित हो रहे ‘‘संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा’’ को सफल बनाये जाने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी दीपक मीणा ने सभी सम्बन्धित विभागों क्रमशः नगर विकास विभाग, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, पशुपालन, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, दिव्यांगजन सशक्तिकरण/समाज कल्याण विभाग, कृषि, एवं सिंचाई को निर्देश दिया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, विभाग से समन्वय स्थापित कर ब्लाक/जनपद स्तरीय समेकित कार्ययोजना तैयार कर अभियान को सफल बनाये जाने में हर संभव सहयोग प्रदान करें।
बच्चों को दी जाए जानकारी :
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि ब्लाक टास्क फोर्स की बैठकों में सभी सम्बन्धित अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाय। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को इन बैठकों में उपस्थिति सुनिश्चित कराये जाने के साथ-साथ स्कूलों में प्रत्येक दिन प्रार्थना-सभा में बच्चों को दिमागी बुखार के बारे में सन्देश बतायें साथ ही विशेषकर सुरक्षित पीने के पानी, शौचालय का प्रयोग करने के लाभों तथा खुले में शौच से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी जानकारी दी जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षकों को निर्देशित कर दिया जाय कि दिमागी बुखार तथा अन्य संचारी रोगों पर एक विशेष 40-50 मिनट की कक्षा लगाकर बच्चों को जानकारी दें कि हर बुखार खतरनाक हो सकता है, दिमागी बुखार के कारण क्या हैं, दिमागी बुखार होने पर क्या करें और क्या न करें। क्लोरिनेशन हेमो, पेयजल को उबालना, साबुन से हाथ धोने तथा शौचालय प्रयोग इत्यादि के सम्बन्ध में बच्चों के साथ प्रभात फेरी, रैली, नारे तथा हैण्डपम्प स्थल बैठक जैसी सामुदायिक गतिविधियाॅ भी आयोजित की जायें।
बैठक के दौरान जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया गया कि सफाई कर्मियों के साथ समुदाय में साफ-सफाई के लिए विशेष मुहिम चलाने में अग्रसर भूमिका निभाते हुए ग्राम शौचालयों का निर्माण एवं प्रयोग, सही वक्त पर साबुन से हाथ धोने तथा गाॅव में बावातरण को स्वच्छ बनाने का भी प्रयास करें। संचारी रोग नियंत्रण माह के सफल संचालन में ग्राम प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए ‘‘संचारी रोग तथा दिमागी बुखारः बचाव एवं उपचार’’ विषय पर आयोजित होने वाले उन्मुखीकरण तथा संवेदीकरण बैठकों में ग्राम प्रधानों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाय। सभी ग्रामों में ग्राम स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता समितियों की बैठकें आयोजित कर तथा दिमागी बुखार पर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाय।
जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भ्रमण कर साफ-सफाई व्यवस्था का जायज़ा ले तथा अभियान अन्तर्गत संचालित होने वाली गतिविधियों को सतर्क दृष्टि बनाये रखें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि जिला पंचायतराज अधिकारी से समन्वय स्थापित करके सभी संवेदनशील ग्रामों में फागिंग तथा एण्टीलार्वल छिड़काव कराया जाय। नगर विकास विभाग को नगरीय क्षेत्र में आवश्यकतानुसार फागिंग, साफ-सफाई कराये जाने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया है कि जिले में पटरी से उतरी स्वास्थ्य व्यवस्था को ढर्रे पर लाने के लिए वे अपने स्तर से विशेष प्रयास करें प्रत्येक सप्ताह एक सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 का निरीक्षण अवश्य करें तथा निरीक्षण आख्या प्रेषित करें। उन्होने कहा कि सभी अपर मुख्य चिकित्साधिकारी/उप मुख्य चिकित्साधिकारियों का रोस्टर जारी करके रोस्टर के मुताबिक जायें ए0एन0एम0 के बैठक में जाये तथा अस्पतालों का संचालन बेहतर ढंग से करावें यदि कोई कमी मिलती है तो उसे निरीक्षण आख्या के द्वारा अवगत करावे ताकि उन समस्याओं का निराकरण कराया जा सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अवनीश राय, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 डी0के0 सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओमकार राणा, जिला पंचायराज अधिकारी आर0वी0 सिंह, ए0सी0एम0ओ0, जिला कार्यक्रम अधिकारी जी0पी0 तिवारी, सहित सभी प्रभारी चिकित्साधिकारीगण उपस्थित रहे।