जिलाधिकारी ने उर्वरक वितरण की समीक्षा की, किसानों को खतौनी के अनुसार वितरित की जाए उर्वरक -अपूर्वा दुबे

उन्नाव : जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे द्वारा आज कलेक्ट्रेट स्थित पन्नालाल सभागार में उर्वरको की उपलब्धता एवं वितरण की समीक्षा की गई। जिला कृषि अधिकारी उन्नाव द्वारा अवगत कराया गया कि माह नवम्बर तक के लक्ष्य 24050.00 मै0टन के सापेक्ष 15673.00 मै0टन डी0ए0पी0/एन0पी0के0 एवं यूरिया लक्ष्य 22300.00 मै0टन के सापेक्ष 28640.00 मै0टन की उपलब्धता जनपद में करायी जा चुकी है, साथ ही जिला कृषि अधिकारी द्वारा अवगत कराया कि अक्टूबर माह के प्रथम पक्ष मे वर्षा होने के कारण आलू एवं रबी फसलो जैसे चना, जौ, गेंहू आदि की बुवाई का समय लगभग एक साथ हो जाने के कारण फास्फेटिक उर्वरको की माॅग लक्ष्य से अत्याधिक हो़ गई है। समीक्षा के दौरान मोजैक कम्पनी प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि 18 नवंबर 2022 को 600.00 मै0टन डी0ए0पी कानपुर से जनपद को उपलब्ध करायी जायेगी एवं पी0पी0एल0 प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि दिनांक 20 नवम्बर 2022 तक 60.000 मै0टन पी0पी0एल0 (नवरत्ना डी0ए0पी) जनपद को उपलब्ध करायी जायेगी। व इफको कम्पनी प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि दिनांक 21 नवम्बर 2022 तक 2600.00 मै0टन इफको डी0ए0पी0 की उपलब्धता हो जायेगी।
इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित अधिकारी, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता एवं उर्वरक कम्पनी प्रतिनिधि तथा जनपद उन्नाव के थोक उर्वरक विक्रेताओ को निर्देशित किया गया कि स्वयं सतत निगरानी करे जिससे जनपद में उर्वरको की काला बाजारी, अवैध भण्डारण, ओवररेटिंग न हो पायेे, यदि थोक/खुदरा/साधन सहकारी समिति सचिव/विक्रेता द्वारा जमाखोरी, अवैध भण्डारण, ओवररेटिंग करते हुये पकडा जाए तो उनके विरूद्व नियानुसार कार्यवाही कराये। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि जनपद के सभी खुदरा उर्वरक विक्रेताओ एवं साधन सहाकारी समिति के सचिव कृषको की खतौनी पर अकिंत भूमि के अनुसार ही उर्वरकों का वितरण कराना सुनिश्चित करें। यदि प्राप्त स्टाक एवं वितरण मे भिन्नता पायी जाती है तो उसके विरूद्व नियमानुसार कार्यवाही की जाये।
जिलाधिकारी द्वारा उर्वरक प्रदायकर्ता कम्पनी के प्रतिनिधियो का निर्देशित किया गया कि जनपद में कृषक गोष्ठी/प्रदर्शन व अन्य माध्यमो से जन जागरूकता कार्यक्रम चलाये की सभी फास्फेटिंक उर्वरक एक जैसे है ताकि कृषको के बीच फैली भ्रान्ति को कम किया जा सकें जिससे अन्य फास्फेस्टिक उर्वरकों की स्वीकारिता कृषकों के बीच बढ़ सके।

Report:- Sumit

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