उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला को 2 अक्टूबर तक ओडीएफ घोषित करना है। इसके लिए अब तक 20 करोड़ रुपए गाजीपुर जिला प्रशासन को मिले हैं। 100 करोड़ रुपये की मांग की है। ऐसे में 2 अक्टूबर तक बजट मिलना बड़ा मुश्किल लग रहा है। योगी सरकार का प्रदेश के सभी जिलों को 2 अक्टूबर तक खुले में शौच मुक्त करने का दावा बड़ा मुश्किल लग रहा है। देखने वाली बात यह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना हकीकत के धरातल पर कितनी खरी उतरती है।

इस बारे में जब डीपीआरओ लालजी दुबे से बात की तो उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर 2018 तक 2012 की बेसलाइन के अनुसार सभी पात्रों को सैचुरेट किया जा रहा है। अभी इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगभग 100 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। इसकी डिमांड शासन से की गई है और विश्वास भी दिलाया गया है कि समय से इस धनराशि को मुक्त करा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के बालाजी ने सभी ग्राम प्रधानों और सचिवों को निर्देशित कर दिया गया है कि पैसे के अभाव में काम न रुके। उन्होंने कहा कि बेस लाइन का काम जिला प्रशासन द्वारा 2 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि शासन से निर्देशित है कि शेष बचे हुए लोग जो 2012 की गणना के अनुसार छूट गए हैं या नए मकान बनाए हैं। ऐसे लोगों की सूची बनाई जा रही है।द्वितीय चरण में 2 अक्टूबर के बाद ऐशे लोगों को लक्षित करके जल्द से जल्द सैचुरेट किया जाएगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब द्वितीय चरण में बचे लोगों के शौचालयों का निर्माण 2 अक्टूबर के बाद कराया जायेगा। तब गाजीपुर खुले में शौच मुक्त यानी ओडीएफ कैसे होगा। दूसरा सवाल यह है कि अभी गाजीपुर में ओडीएफ के लिए 100 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। ऐसे में 2 अक्टूबर आने में मात्र 10 से 11 दिन बचे है। इतने कम समय और बजट के अभाव में किस जादू से शौचालय बनेगें। मुख्यमंत्री योगी का पूरे प्रदेश को ओडीएफ का दावा 2 अक्टूबर से पहले ही दम तोड़ चुका है।

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