देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकलांगों को जहाँ दिव्यांग नाम देकर उनका मान सम्मान बढ़ाया। वहीं दिव्यांगों के लिए कई सुविधाएं और योजनाए चलाई, लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में सीनियर सिटीजन दिव्यांग अपने ही घर के बाहर पूरे परिवार के साथ पिछले तीन दिनों से सड़क पर पड़े हैं। इसका कारण बताया जा रहा है कि उनके ही घर पर उन्हीं का दबंग भतीजे ने पुलिस से सांठगांठ कर कब्जा कर लिया और वृद्ध दिव्यांग को उसके ही घर से बेघर कर दिया। उत्तर प्रदेश की पुलिस के लचर रवैये से 80 साल के वृद्ध दिव्यांग ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की अपील की है और घर के बाहर ही अन्न जल त्याग कर अनशन पर बैठ गए हैं।
लगाई न्याय की गुहार तो पुलिस ने कर दी पिटाई
कानपुर के नजीराबाद थानाक्षेत्र के सरोजनी नगर स्थित कबाड़ी मार्केट निवासी शिवराम (80) और उनकी पत्नी श्यामादेवी (75) दोनों दिव्यांग हैं। आरोप है कि उनके घर पर उनके सगे भतीजे ने जबरन कब्जा कर लिया और उन्हें बेघर कर दिया। बताया जा रहा है कि पीड़ितों ने इसकी शिकायत थाना नजीराबाद में की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की उल्टा थानाध्यक्ष निर्मला कुमारी ने श्यामादेवी को ही भला बुरा कहा और पुलिसिया अंदाज में पिटाई भी की।
वीडियो बनाने पर पडोसी को कर दिया चालन
थानाध्यक्ष की इस बर्बरता का वीडियो पड़ोस की एक छात्रा ने बनाया तो थानाध्यक्ष साहिबा ने उस पर शांति भंग की धारा 151 में कार्यवाही कर दी। जिसपर उस छात्रा को जमानत तक लेनी पड़ी। पुलिस की इस कार्यवाही से दबंगों के हौसले और बुलंद हो गए। ऐसे में इस दिव्यांग वृद्ध दंपत्ति के परिवार की सहायता के लिए एक समाज सेवक ने आगे आकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को ट्वीट करके पूरे मामले से अवगत कराया।
अधिकारियों ने दिया न्याय का आश्वासन
वृद्ध दिव्यांगों के अनशन पर बैठने और राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु मांगने की जानकारी जैसे ही अधिकारियों को मिली उनके होश उड़ गए। आनन-फानन में पुलिस सर्किल ऑफिसर और एसीएम मौके पर पहुँचे और वृद्ध दिव्यांग दंपत्ति को न्याय का आश्वासन दिया। एसीएम ने पीड़ित परिवार की पूरी बात सुनकर जाँच थाना नजीराबाद से स्थानांतरित कर थाना फजलगंज को दी और जल्द दोनों पक्षों की सुनवाई कर न्याय करने की बात की।