यूपी के बलिया से योगी सरकार के आला अधिकारियों की संवेदनहीनता का मामला सामने आया है. जी हा यहाँ जिला अधिकारी से शिकायत करने पर गालियां मिलती है।
अस्पताल की दुर्व्यवस्था की लेकर गया था शिकायत:
ताजा मामला बलिया का है, जहां शिकायत कर्ता एक छात्र नेता का है। जिसने जिला अस्पताल की दुर्व्यवस्था की शिकायत जब D.M. से की तो उसे दलाल कह डाला और गाली देते हुए उसे अपने आफिस से बाहर भगा दिया। इस तरह से एक प्रशासनिक अधिकारी का अपशब्दों का प्रयोग करते हुए बर्ताव करना छात्र नेता के लिए भी असहनीय था.
छात्र नेता को अपना यह अपमान बर्दास्त नही हुआ और व D.M. के आफिस से निकलते ही उनके ही सामने अपना कुर्ता फाड़ कर दहाड़ मार कर रोने लगा।
DM ने किया अपमानित:
यही नही हंगामा करते हुए उनकी गाड़ी के आगे पर बैठ कर गाड़ी आगे बढ़ने से रोक दिया। छात्र नेता ने हंगामा करते हुए डीएम को जाने से रोक दिया. जब उसे हटाने की कोशिश की गयी तो वह और हंगामा करने लगा. देखते ही देखते भीड़ जमा हो गयी.
10 मिनट तक चले ही हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच जब पुलिस मौके पर पहुंची तो धीरे से डीएम का ड्राईवर गाड़ी लेकर खिसक गया।
अब इस मामले में D.M. ने सफाई देते हुए कहा कि वो छात्र नेता नही है.
इसके अलावा डीएम ने यह भी कहा कि वह मेन्टल है, अपने आप ही कुर्ता फाड़ कर गाड़ी के आगे हंगामा करने लगा जबकि मैंने उसे लिखित शिकायत करने को कहा लेकिन वो बेबुनियाद शिकायत कर रहा था.
डीएम ने आगे बताया कि अगर वो चाहते तो उस आदमी को जेल भेज देते लेकिन उन्होंने सयंम रखा. उन्होंने कहा कि व्यक्ति के हंगामे के दौरान मेरी गाड़ी काफी देर तक रुकी रही और मैं गाड़ी में बैठा रहा।