सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम योगी ने अवैध खनन को रोकने के लिए ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू करने के साथ-साथ खनन माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही करने के बड़े-बड़े दावे कर रही है। साथ ही पार्टी के नेताओं से अवैध खनन से दूर रहते हुए खनन माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही करवाने की हिदायत दी थी। लेकिन न तो अवैध खनन रुक रहा है और न ही खनन माफियाओं पर कार्यवाही हो रही हैं।
दौलतपुर घाट पर हो रहा है अवैध खनन
यहां मुख्यमंत्री योगी के आदेश को अनदेखा कर सत्ताधारी दल के विधायक भी जमकर अपने रसूख के चलते अवैध खनन करा रहे हैं। सत्ताधारी दल के विधायक की दबंगई इतनी है पूरे यमुना नदीं को खोद डाले। ताजा मामला कानपुर देहात का है। इलाके के दौलतपुर घाट पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन का कारोबार चल रहा है। दौलतपुर घाट पर डीएम राकेश कुमार सिंह के मिली भगत से खनन माफिया जिले में सक्रिय है, और बड़े पैमाने पर अवैध खनन कर रहे है। इलाके के दौलत पुर घाट पर बैड़ पैमाने पर पौकलैंड मशीने लगा कर खनन हो रहा है।
फतेहपुर बालूकांड जैसा हो रहा है खनन का कारोबार
कानपुर देहात में भी फतेहपुर जैसा बालूकांड फर्जी आदेशों से 3 किमी आगे तक अवैध खनन हो रहा है। वहीं फतेहपुर में यमुना नदी में लंबे समय से अवैध खनन हो रहा था। यहां खनन माफिया ने बालू निकालने के लिए खुद ही पुल बना दिया था और पानी की धारा को ही बदल दिया गया था। खनन माफिया की कोशिश यह थी कि कुछ दिन तक पानी रुका रहे और बालू की खुदाई कर ली जाए। इसको लेकर वहां के जिला प्रशासन और आला अफसरों से काफी शिकायत की गई थी। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
आपको बता दें कि जिले के जिलाअधिकारी और खनन अधिकारी ही जिले में खनन करवाने के जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में क्या जिलाअधिकारी की सह में अवैध बालू खनन हो रहा है।