योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार ग्रहण करते ही ब्यूरोक्रैट्स के काम करने के तरीके पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने सभी अफसरों को समय से ऑफिस आने के निर्देश दिए थे. उन्होंने शपथ दिलाते हुए सभी को अपनी जिम्मेदारियों से अवगत कराया था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जिले के अधिकारी समय से ऑफिस पहुंचे और जनता दरबार में आम लोगों की शिकायतें भी नियमित रूप से सुनें।
लेकिन सीएम योगी के आदेशों की परवाह सीएम आवास से कुछ ही दूरी पर बैठे लखनऊ डीएम को भी नहीं है.
- सीएम के आदेशों के बावजूद लखनऊ डीएम कौशल राज जनता की फरियाद नहीं सुन रहे हैं.
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वहीँ मेरठ डीएम समीर वर्मा को भी जनता दरबार पसंद नहीं है.
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झांसी डीएम करण सिंह जनता दरबार से परहेज कर रहे हैं.
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गाजियाबाद डीएम मिनिस्ती आज ऑफिस में लेट पहुंची थी.
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इलाहाबाद कलेक्टर संजय जनता दर्शन में यकीन नहीं रखते हैं.
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लखनऊ से सटे कानपुर के डीएम सुरेंद्र भी जनता दर्शन नहीं करते हैं.
सीएम के आदेशों की बार-बार अनदेखी क्यों?
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यूपी में अफसरों की कामचोरी नयी बात नहीं है.
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सीएम योगी के लगातार प्रयासों के बाद भी ये अफसर उनकी कोशिशों पर पानी फेरने में जुटे हैं.
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समय से ऑफिस आना तो दूर की बात, ऑफिस के बाहर खड़े फरियादियों को देख मुंह फेरने की इनको आदत सी पड़ गई है.
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सीएम योगी के आदेश के बाद भी जनता दर्शन नहीं कर रहे हैं.
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वहीँ अब सवाल है कि क्या डीएम के इस रवैये पर सीएम कोई कार्रवाई करेंगे?
वाराणसी डीएम हुए पास:
- जबकि कुछ ऐसे डीएम भी हैं जो वक्त पर ऑफिस जाते हैं और जनता की समस्याएं सुनते हैं.
- इस रियलिटी चेक में गोरखपुर के डीएम राजीव पास हुए.
- वो समय से ऑफिस पहुंचे थे.
- जबकि नॉएडा के डीएम भी टेस्ट में पास हुए.
- इसके अलावा वाराणसी के डीएम भी समय पर पहुंचे थे.
- बरेली के डीएम राघवेन्द्र भी इस टेस्ट में पास हुए.
लेकिन जो डीएम लगातार सीएम के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, उनके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है. जिले के डीएम अगर समय से नहीं पहुँच रहे हैं तो अन्य अधिकारियों को किस मुंह से समय पर आने के निर्देश डे सकेंगे.
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