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फर्रुखाबाद: DM ने अस्पताल में निरीक्षण के दौरान लिपिक को किया निलंबित

DM has suspended the clerk during inspection in hospital

DM has suspended the clerk during inspection in hospital

फर्रुखाबाद में लाख कोशिशों के बाद भी लोहिया अस्पताल की व्यवस्था में कोई परिवर्तन नही आ रहा है. आये दिन अधिकारियों के दौरे के बाद भी कोई ख़ास फर्क नही पड़ा. आज जिलाधिकारी मोनिका रानी जब अस्पताल की हकीकत परखने पंहुची तो उन्हें भी अस्पताल में अवस्था साफ़ दिखी. जिसके बाद डीएम में खासी नाराजगी नजर आई. इसी दौरान उन्होंने एक लिपिक को निलंबित करने के निर्देश भी दे दिये.

लोहिया अस्पताल में मिली कई खामियां:

मुख्यमंत्री के सभावित दौरे को लेकर फर्रुखाबाद जिले के सबसे बड़े अस्पताल राममनोहर लोहिया में जिलाधिकारी मोनिका ने अचानक छापा मारा तो अस्पताल में स्वास्थ्य में गड़बड़ी के साथ वित्तीय घपलेबाजी सामने आई है। बता दें कि इस अस्पताल में बाबुओ और सीएमएस की मिलीभगत से लोकल परचेज के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला हुआ था, उसकी जांच अभी तक चल ही रही है।

इस मामले में जिस सरकारी कर्मचारी ने लोहिया अस्पताल से कभी इलाज भी नही कराया था, उसके फर्जी दस्तखत बनाकर हजारो रुपये का बिल पास कर दिया गया था। उसी के चलते डीएम ने पूरे अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया तो उन्हें हर जगह खामियां ही खामियां मिली।

एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं थे उपलब्ध:

उनका दौरा इसलिए भी अधिक अहम था क्योंकी बीते दिन खाद्य सुरक्षा टीम ने भी एक खुलासा किया था जिसके मुताबिक़ लोहिया अस्पताल में कैंटीन का ठेका लेने वालों के पास जबसे लोहिया अस्पताल बना तभी से कोई लाइसेंस नही लिया गया है।

उन्होंने एंटी रेबीज बैक्सीन देखी जो पिछले लगभग 20 दिनों से अधिक समय से उपलब्ध ना होने की बात सीएमओ डॉ० अरुण कुमार ने उन्हें बतायी. जिस पर डीएम ने जल्द व्यवस्था करने के निर्देश दिये.

वही उन्होंने दवा वितरण कक्ष भी देखा. इसके बाद जिलाधिकारी रेडियोलाजिस्ट डॉ० योंगेंद्र कुमार के कक्ष में पंहुची, लेंकिन डॉ० योगेन्द्र उन्हें नहीं मिले. कर्मियों ने बताया की वह कोर्ट गये हैं. इस पर उन्होंने सम्मन रजिस्टर भी चेक किया, लेकिन उन्हें कोई संतोष जनक जवाब तब भी नहीं मिला.

घूसखोरी की मिली शिकायत:

वही चतुर्थ श्रेणी निलंबित कर्मी अर्जुन ने जिलाधिकारी से शिकायत की कि वह निलंबित चल रहा है. वही सीएमओ व सीएमएस के आदेश के बाद भी लिपिक प्रदीप कुमार उन्हें नौकरी पर वापस नही ले रहा है. इसके लिये वह रुपयों की मांग करता है. यह सुन डीएम खफा हो गईं.  जिसके बाद उन्होंने लिपिक को तत्काल निलंबित करने के निर्देश सीएमओ को दिये है.

इसके साथ ही उन्होंने वृद्ध रोगी कक्ष व एसएनसीओ की भी जांच की. एसएनसीयू में उन्होंने भर्ती एक बच्चे का वजन भी कराया. वही अस्पताल में निजी अस्पतालों से प्रसव कराकर आयी कई महिलाएं अपने नवजात के साथ मिली. तो जिलाधिकारी ने निजी अस्पतालों का व्योरा तलब करने के निर्देश दिये.

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