उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित एक क्लीनक आज उस वक्त अखाड़ा बन गया जब एक डॉक्टर और तीमारदार के बीच में कहासुनी के बाद जमकर मारपीट हो गई. तीमारदार का आरोप है कि डॉक्टर और उसके कम्पाउंडर ने तीमारदार और मरीज को जमकर पीटा और फिर थाने में जाकर पुलिस पर दबाव बनाकर मामले को अपनी तरफ ले लिया.

आरोपियों का ही साथ देती नजर आई पुलिस

  • मामला मेरठ के मेडिकल थाना क्षेत्र स्थित पांडवनगर का है.
  • जहाँ डॉक्टर सत्य प्रकाश अपनी क्लीनिक चलते हैं.
  • इस दौरान परतापुर क्षेत्र से एक महिला काफी दिनों से डॉक्टर सत्य प्रकाश की क्लीनिक पर अपना उपचार कराने के लिए आती थी.
  • आज भी वह महिला अपना उपचार कराने के लिए डॉक्टर के पास आई थी.
  • इस दौरान महिला डॉक्टर को दिखाने के बाद अपने घर लौट गई.
  • घर जाकर महिला ने देखा कि उसके कान का सोने का कुंडल डॉक्टर के क्लीनिक पर रह गया है.
  • जिसके चलते महिला ने अपने बेटे को डॉक्टर क्लीनिक पर सोने के कुंडल को लेने के लिए भेजा.
  • लेकिन डॉक्टर ने महिला के बेटे का हड़का कर भगा दिया.
  • जिसके बाद महिला और उसका पति भी क्लीनक पहुंच गया.
  • इस दौरान देखते ही देखते डॉक्टर व महिला के पति के बीच कहासुनी शुरू हो गई.
  • जिसके बाद डॉक्टर ने अपने लोगों के साथ मिलकर महिला व उसके बेटे और उसके पति को जमकर पीट डाला.
  • मामले की शिकायत करने के लिए पीड़ित जब थाना मेडिकल में पहुंचे तो पीड़ितों को पुलिस ने न्याय नहीं दिया.
  • इस दौरान डॉक्टर भी अपने पक्ष को लेकर थाने पर पहुंच गया जहाँ उसने जमकर हंगामा काटा.
  • इसके साथ ही डॉक्टर ने पुलिस को दबाव में लेकर पूरे मामले का फैसला करा लिया.
  • गौरतलब हो कि डॉक्टर ने क्लीनिक पर सीसीटीवी कैमरा लगा है.
  • लेकिन डॉक्टर ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज पुलिस को देना ठीक नही समझा.
  • इस मामले में न्याय दिलाने का दम भरने वाली मित्र पुलिस भी आरोपियों का ही साथ देती नजर आई.
  • लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या मित्र पुलिस गरीब आदमी को क्या न्याय दिलाने की जगह फैसला करने के लिए बैठी है.

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  • डॉक्टर और उसके कम्पाउंडर ने जिस बुरी तरह से पीड़ितों को पिटा है इसका सबूत पीड़ित के शरीर पर लगे चोटो के निशान बयान करते है.
  • कहते है कानून अंधा होता है शायद इसी लिए पुलिस को पीड़ितों के शरीर पर चोट के निशान दिखाई नही देते.
  • बता दें कि पुलिस ने बिना कार्यवाही करे डॉक्टर और उसके कम्पाउंडर को थाने से छोड़ दिया है.
  • इसके साथ ही दोनों पक्षो में समझौता करा के मामले को रफादफा कर दिया है.
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