लखनऊ: शायद आपको न पता हो कि मरीजों की जांच करने वाला। डॉक्टर का स्टेथस्कोप भी लोगों को रोगी बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नेब्रास्का मेडिकल विश्वविद्यालय और अमेरिका के संक्रमण नियंत्रण केंद्र की रिपोर्ट में यह बात साफ हो गई है कि डॉक्टरों का स्टेथस्कोप बैक्टीरिया का मुख्य कारण है। जिससे एक मरीज का संक्रमण दूसरे मरीज में पहुंचता है। बार-बार कर्मचारियों को हाथ धोने का निर्देश देने वाले यह डॉक्टर अपने स्टेथस्कोप को साल में कितनी बार साफ करते हैं यह शायद उन्हें भी याद नहीं है।
आले पर चिपक जाते हैं बैक्टीरिया
- ह्रदय गति और फेफड़ों की स्पंदन को सुनने लिए प्रयोग होने वाले स्टेथस्कोप को आम भाषा में लोग आला कहते हैं।
- डॉक्टर अपने इस आले को हर बार प्रयोग के बाद साफ नहीं करते हैं। जिसके चलते एक रोगी के शरीर के बैक्टीरिया दूसरे मरीज के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
- इससे दूसरे रोगी को भी वह बीमारी हो जाती है जो कि उससे पहले वाले मरीज को थी।
- नेब्रास्का मेडिकल विश्वविद्यालय और अमेरिका के संक्रमण नियंत्रण केंद्र द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक रिपोर्ट भेजी गयी है।
- इससेे पता चलता है की 90 प्रतिशत डॉक्टर अपने स्टेथस्कोप की सफाई नहीं करते हैं।
- नियमानुसार स्टेथस्कोप को एक मरीज पर लगाने के बाद उसे एल्कोहलयुक्त वाइप्स से साफ करना चाहिए।
एपरिन भी फैलाता है रोग
- डॉक्टर द्वारा पहना जाने वाला एपरिन भी डॉक्टर व मरीज दोनों को रोगी बना सकता है।
- हालांकि आम तौर पर राजधानी में बहुत कम ही चिकित्सक हैं जो कि हमेशा एपरिन पहनते हैं।
- लेकिन इंटर्नशिप करने वाले ट्रेनी मेडिकल छात्र हमेशा इसे पहनते हैं।
- ऐसे में जब इनकी आस्तिन के आगे के हिस्से में संक्रमण के कीटाणु चिपक जाते हैं।
- वह मरीज के इलाज के दौरान उसमें प्रवेश कर जाते हैं।
आप खुद करें निवेदन
- जिस डॉक्टर से आप इलाज कराने जा रहे हैं वहां भी ध्यान रखे।
- यदि डॉक्टर ने आले को एक मरीज पर लगाने के बाद आप पर लगाए तो आप डॉक्टर से विनम्र रूप से आले को साफ करने का निवेदन कर सकते हैं।
- इस एक छोटी सी सावधानी से आप बीमारियों से बचे रहे सकते हैं।