पीएमएस कैडर के डॉक्टरों ने थ्री पी मोड से स्वास्थ्य सेवाएं संचालित करने की मौजूदा व्यवस्था पर असंतोष जताते हुए राज्य सरकार को ऐसे काम करने की सलाह दी है। जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का सम्मान बढ़ सके।
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भर्तियों पर होगा विचार
- मरीजों की जांच में हुए घोटाले को लेकर डॉक्टरों का दावा है कि थ्री पी मोड को प्रदेश में लूटपाट का मॉडल बना दिया गया है।
- स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और सेवा संबंधी लंबित मामलों को लेकर बैठक होगी।
- पीएमएस एसोसिएशन ने 27 अगस्त को लोहिया संस्थान में राज्य कर्मचारियों की बैठक बुलायी है।
- एसोशिएशन के अध्यक्ष डॉ. अशोक ने बताया कि बैठक में स्वास्थ्य विभाग की भर्तियों पर भी विचार किया जाएगा।
- उन्होंने सिविल अस्पताल का उदाहरण देते हुए कहा कि स्वास्थ्य महानिदेशालय को भी भर्तियों की जानकारी नहीं है।
- उन्हें ये भी पता नहीं कि किन स्त्रोतों से डॉक्टरों, नर्स और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जा रही है।
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- साथ ही उन्हें यह भी जानकारी नहीं है कि इनका वेतन कहां से आ रहा है।
- यही दशा प्रदेश के अन्य अस्पतालों की भी है।
- एसोसिएशन ने आपत्ति जताई कि पिछली योजनाओं के परिणाम और सफलता का आकलन नहीं हुआ।
- साथ ही बिना आकलन किए नए नाम से योजनाएं ले आई गयीं।
- विभाग के स्थायी पदों पर स्थायी नियुक्तियां करने की मांग के साथ एसोसिएशन ने घोटाले पर
- सिर्फ टेंडर निरस्त करने का अपर्याप्त माना है।
- उनकी मांग जिम्मेदारी तय कर मुकदमा दर्ज कराने की है।
- पीएमएस कैडर के डॉक्टर इस बात से भी नाराज हैं कि साढ़े तीन साल बाद भी उन्हें विशिष्ट एसीपी का लाभ नहीं मिला।
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