स्टेट इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एवं फेमिली वेल्फेयर तथा यू.पी.एच.एस.एस.पी. के संयुक्त प्रयास से मस्तिस्क ज्वर एवं ए.ई.एस. (acute encephalitis syndrome) को लेकर स्टेट इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एवं फेमिली वेल्फेयर द्वारा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए सचिव स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण हेकाली झीमोमी द्वारा प्रशिक्षण कार्यशाला की आवश्यकता के बारे में बताया गया।
इस कार्यशाला को सरकार के विशेष प्रयासों से अमेरिका के क्रीघटन यूनिवर्सिटी, स्कूल आॅफ मेडीसिन में न्यूरोलाॅजीकल विभाग के अध्यक्ष एवं प्रोफेसर डाॅ. संजय प्रताप सिंह एवं संजय गांधी पी.जी.आई. के न्यूरोलाॅजीकल विभाग के पूर्व डीन व प्राफेसर डाॅ. यू.के.मिश्रा के द्वारा संबोधित किया गया।
ए.ई.एस. से निपटने के तरीकों पर चर्चा:
- डाॅ संजय ने बताया कि ए.ई.एस. का वायरस मानव मस्तिस्क को किन वजहों से प्रभावित करता है।
- डाॅ संजय ने प्रतिभागियों को ए.ई.एस. के द्वारा मानव की रीढ़ की हड्डी पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी बताया।
- किन उपायों या सावधानियों को अपनाकर ए.ई.एस. से होने वाली रूगण्ता एवं मृत्यु को रोक सकते हैं इस बारे में चर्चा की गई।
डाॅ. संजय ने बताया कि इस विषय पर स्वास्थ्य मंत्री के साथ भी बैठक हो चुकी है। - इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्हें ख़ुशी हो रही है कि सरकार इस रोग की रोकथाम के लिए चिंताग्रस्त है एवं हर संभव कदमों को उठा रही है।
डाॅ.यू.के.मिश्रा ने ए.ई.एस. की विस्तृत एपीडिमियोलाॅजी पर बताते हुए इसके लक्षणों, कारणों एवं त्वरित चिकित्सकीय से संबंधित टूल्स के बारे में प्रतिभागियों की जानकारी दी। - इसके साथ ही प्रोफेसर मिश्रा एवं डाॅ संजय प्रताप ने प्रतिभागियों के द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए।
- सरकार द्वारा जे.ई. व ए.ई.एस. विषय पर वर्तमान में किए जाने वाले प्रयासों से सरकार की गंभीरता इस बीमारी की रोकथाम में नजर आती है।