प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस वर्ष चिकित्सकों के लिए स्थानांतरण शून्य सत्र घोषित करने की मांग की है। संघ का कहना है कि 30 जून तक आने वाली स्थानांतरण सूची अभी तक नहीं आने से वार्षिक स्थानांतरण नीति के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।वही महामारी के इस मौसम में स्थानांतरण होने से चिकित्सा सेवाएं बाधित और अव्यवस्थित हो जायेंगी।
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नहीं शुरू हुआ स्थानांतरण सत्र
- वर्षा और बाढ़ के मौसम में डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसे रोगों का प्रकोप जारी है।
- जिस कारण चिकित्सकों के सभी अवकाश निरस्त किये जा चुके हैं।
- ऐसे में स्थानांतरण हुआ तो महामारी के मौसम में चिकित्सा सेवाएं बाधित और अव्यवस्थित जायेंगी।
- जिसका खामियाजा उत्तर प्रदेश के मरीजों को भुगतना पड़ेगा।
- क्यूंकि अगर अभी तक स्थानांतरण नहीं किया गया है तो आगे भी नहीं किया जाना चाहिए।
- अगर स्थानांतरण होता है तो अब हमारे स्कूल जाने वाले बच्चों को भी परेशानी होगी।
- अब स्कूल में दूसरी जगह दाखिला लेना होगा जो की अब आसान नहीं होगा।
- अगस्त माह में स्थानांतरण होने से संवर्ग और चिकित्सा सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
- उनका कहना था कि स्थानांतरण का उद्देश्य सेवाओं की बेहतरी के लिए होता है न कि दंडात्मक उद्देश्यों के लिए।
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- अन्य विभागों में स्थानांतरण सत्र का समापन हो चुका है और हमारे यहां अभी शुरू ही नहीं हुआ है।
- संवर्ग की वार्षिक स्थानान्तरण नीति दोषपूर्ण है, उससे अव्यवस्था फैलने के अनेक कारण मौजूद है।
- संवर्ग की वर्तमान घोषित स्थानान्तरण नीति परिपक्व तथा समग्र-तथ्यों पर आधारित नहीं है।
- चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की भर्ती का स्रोत, केवल लोक सेवा आयोग द्वारा ही है।
- डॉ अमित सिंह ने बताया कि बैठक में सरकार से अपेक्षा की गयी, कि संवर्ग के विभिन्न सेवा सम्बन्धी विषयों पर, सरकार, लोकहित में सकारात्मक कार्यवाही करेगी।
- संघ की आगामी माह में आहूत राज्य-कार्यकारिणी की बैठक में सम्बन्धित सभी विषयों पर, आगे की रणनीति पर, निर्णायक फैसला किया जायेगा।
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