मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बयान के खिलाफ एकजुट हुए डॉक्टर
मथुरा-
मंगलवार को मथुरा जनपद के सभी बड़े अस्पतालों के चिकित्सक एकजुट होकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिए गए बयान के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर करने लगे .दरअसल 1 माह पूर्व मथुरा के डी एस हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था ,जहां हालत गंभीर होने के बाद उसे दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी. महिला के परिजनों ने डी एस हॉस्पिटल के चिकित्सकों और संचालक के विरुद्ध लापरवाही का आरोप लगाते हुए महिला का यूट्रस निकालने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे इसके साथ ही महिला के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और मथुरा पुलिस प्रशासन से मामले में कार्रवाई की मांग की थी .वहीं सोमवार को मामले में कार्रवाई ना होने के चलते मृतक महिला के परिजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचे थे और जमकर हंगामा काटते हुए आत्मदाह का प्रयास किया था जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपने बयान में अस्पताल की लापरवाही बताते हुए कार्रवाई की बात की थी .इसी के चलते मंगलवार को जनपद भर के डॉक्टर एकत्रित होकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बयान के विरोध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और जमकर आक्रोश व्यक्त किया.
दरअसल जनपद मथुरा के कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बीएसए रोड प्रोफेसर कॉलोनी निवासी वेदिका को प्रसव पीड़ा होने के चलते 9 नवंबर को उपचार के लिए महोली रोड़ पर स्थित निजी अस्पताल डी एस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था ,यहां डिलीवरी के बाद अचानक से वेदिका की तबीयत बिगड़ गई और उसे अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया ,जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई. वहीं मृतक महिला के परिजनों ने डी एस हॉस्पिटल के चिकित्सकों को मृतक महिला की मौत का जिम्मेदार बताया था .परिजनों के अनुसार कई महीनों तक अस्पताल में ही महिला की दवाई और उपचार चला था ,डिलीवरी के दौरान लापरवाही के चलते महिला की हालत बिगड़ गई और अस्पताल के चिकित्सकों ने अपना पल्ला झाड़ते हुए उसे दिल्ली के लिए रेफर कर दिया ,जहां उसकी मौत हो गई थी. जिस पर लगातार परिजन स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे थे. काफी समय से कार्रवाई ना होने के चलते गुस्साए परिजन सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंच गए और उनके द्वारा हंगामा काटते हुए पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास करने की कोशिश की गई थी ,जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देते हुए अस्पताल को 100% मौत का जिम्मेदार बताया था, जिसके चलते मंगलवार को जनपद भर के चिकित्सक एकत्रित होकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बयान के विरोध मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचे और जमकर आक्रोश व्यक्त किया. चिकित्सकों का कहना था कि कुछ कॉम्प्लिकेशन होने के चलते महिला की मौत हुई थी, हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के लिए रेफर किया गया था ,जहां उसकी मौत हो गई. इसमें अस्पताल के चिकित्सकों की कोई लापरवाही नहीं है .महिला की मेडिकल कंडीशन ऐसी थी कि वह सरवाइव नहीं कर पाई, लेकिन मृतक महिला के परिजन अनावश्यक दबाव बनाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कार्रवाई के लिए दबाव बना रहे हैं .अगर अस्पताल की कोई गलती होती है तो अस्पताल उसे स्वीकार करने के लिए तैयार है, लेकिन महिला की मौत के लिए अस्पताल किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं है.
बाइट- डॉ ललित वार्ष्णेय डीएस अस्पताल संचालक
बाइट- डॉ अशोक अग्रवाल
बाइट- डॉ डी पी गोयल
Report:- Jay