बिजनौर में आवारा कुत्तों का कहर जारी है, आवारा कुत्तों का झुण्ड लोगों को दौड़ा लेता है रोज चार से पांच मरीज अस्पताल में इलाज कराने के लिये आते है. इन आवारा कुत्तों की वजह से कुछ एक्सीडेंट भी हुए है जिसमें लोगों जान भी जा चुकी है लोगों ने नगर पालिका के अधिकारियों से इस बात की शिकायत भी की है लेकिन इन कुत्तों को ना कोई नगर पालिका की गाड़ी लेने आई ना इन्हे जगंल भेजा गया.

रोज 4 से 5 लोगों को अपना शिकार बनाते है यह कुत्ते

आवारा कुत्तों की यह फौज रोज लोगों को अस्पताल पहुंचा रहे है, सीएचसी में बात करने पर पता चला की यह रोज़ लगभग पांच से दस लोग रेबीज का इंजक्शेन लगवाने आते है इनमें बच्चे बढ़े सब शामिल है. अगर मरीजो को सह उपचार ना मिले तो उनकी ऐसे में जान भी जा सकती है.

रात के समय गाड़ीयों के एक्सीडेंट की एक वजह यह भी है

रात के समय गाड़ी चलाते समय यह कुत्ते तेज़ी से पीछा करते है जिससे कई बार एक्सीडेंट भी हुए है और लोगों की जान भी गई है. स्थानीय लोगों ने इस बात की शिकायत नगर निगम से की है लेकिन अधिकारी सिर्फ काग़जी कार्यवाही करके छोड़ देते है, इन आवारा कुत्तों के लिये कोई एक ठोस समाधान नही निकल पा रहे है, स्थानीय लोगों से बात करने पर यह बताया है कि एक दो बार नगर निगम की गाड़िया इन कुत्तों को पकड़ कर ले गई लेकिन बाद में दो- तीन दिन बाद यह कुत्ते फिर वापस आ गए.

शिकायत करने पर कुत्तों का स्थानातरण करता है नगर निगम

अधिकारियों की शिकायत करने पर नगर निगम की गाड़िया इन कुत्तों को ले तो गई लेकिन वह शहर में ही इन्हे दूसरी जगह छोड़ देते है और उस जगह के पकड़े हुए कुत्ते यहां छोड़़ देते है. इसी लिये कुत्तों का आंतक बना हुआ है. ज्यादा शिकायत करने पर नगर निगम इन कुत्तों का सिर्फ स्थानातरण कर रहा है समस्या का समाधान नही.

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