उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिला के खैराबाद में पिछले कई दिनों से जो आरोप कुत्तों पर लग रहे थे, कि कुत्तों ने कई बच्चों को नोच कर मार डाला। यह बात पशु विशेषज्ञ ने सिरे से ख़ारिज कर दी है। एक पशु विशेषज्ञ द्वारा गांव में जाकर जब पड़ताल की गई तो कुत्तों द्वारा हमले की बात झूठी मिली। पड़ताल में पता चला कि जिन बच्चों की मौत हुई उनमें रेबीज नहीं मिला। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने आज तक किसी बच्चे का पीएम नहीं करवाया।
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मासूमों पर इस कदर हमला नहीं करते कुत्ते
पशु चिकित्सक के मुताबिक, बच्चों को किसी जंगली जानवर ने मारा है। बताया जा रहा है यह जंगली जानवर हाईना, सियार या लकड़बग्घा भी हो सकते हैं। क्योंकि सियार अक्सर छोटे बच्चों पर ही हमला कर उन्हें मार कर खाते हैं। हाईना, सियार या लकड़बग्घा बड़ों पर हमला नहीं करते। इसके अनुसार, अभी तक जितने भी बच्चों की मौत हुई है वह मासूम ही है।
Yesterday @DmSitapur ordered to kill 20 odd dogs. The kids have NOT being attacked by dogs. None of the dogs were found to be infected with Rabies. Now more attacks possible as only dogs used to scare hynea/fox/etc. https://t.co/hMuMf3bXbx
— Anil Tiwari (@Interceptors) May 5, 2018
गांव से कुत्ते समाप्त होना चिंता का विषय
इस संबंध में पूरा मामला क्या है यह रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि अब तक सीतापुर प्रशासन ने करीब 80 कुत्तों की हत्या करवा दी है। इसके चलते गांव में कुत्ते समाप्त होने की कगार पर हैं। अगर कुत्ते समाप्त हो गए तो जंगली जानवरों का हमला और भी गांव में बढ़ जाएगा। क्योंकि अगर कोई जंगली जानवर आता है तो कुत्ते ही उससे लोहा लेकर उसको गांव से बाहर भगाते हैं। लेकिन जंगली जानवर के हमले की अफवाह कुछ इस कदर फैली कि सारे आरोप कुत्तों पर लगे। गांव वालों ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर करीब 80 कुत्तों की हत्या कर दी जो कि इंसानियत को शर्मसार करने वाला है।
The case of alleged Dogs having killed children in Sitapur is turning to be wrong. The pug marks found resembles to Hynea mark. Also the PM of the children have not been done. Pariah dogs cannot crush bones. @DmSitapur needs to investigate it properly. @UPGovt
— Anil Tiwari (@Interceptors) May 5, 2018
गौरतलब है कि सीतापुर जिले के खैराबाद क्षेत्र में आदमखोर कुत्तों पर मासूमों को नोचकर मारने का आरोप लगा।अभी हाल ही में कुत्तों द्वारा दो मासूमों को नोचकर मारडालने के मामले के बाद आक्रोशित ग्रामीण चुन चुन कर आदमखोर कुत्तों को मौत के घाट उतार रहे हैं। बताया जा रहा है कि घटना के बाद ग्रामीणों ने कुत्तों को मारने का अभियान चलाकर 80 कुत्तों की हत्या कर दी। कुछ को फांसी पर लटका दिया गया कुछ को जहरीला पदार्थ खिलाकर मौत के घाट उतारा गया। ग्रामीणों की माने तो आदमखोर कुत्तों का शिकार हुए 9 मासूम मौत के मुंह में समा गए। इतना ही नहीं इन कुत्तों के हमले से 18 लोग घायल हो चुके हैं जबकि कुत्तों ने करीब 100 से अधिक लोगों का अब तक काटा है।
It is believed that Hyenas do not attack targets which are taller in height than they themselves…
How many grown up adults/ taller children have fallen prey so far ??? If answer is negative… Then your analysis could be true !!!— A. Satish Ganesh🇮🇳 (@SatishBharadwaj) May 5, 2018
30 कुत्तों को ग्रामीणों ने मौत के घाट उतारा
जानकारी के मुताबिक, अभी हाल ही में हुई मासूमों की मौतों के बाद ग्रामीणों ने अभियान चलाकर पहाड़पुर, रहिमाबाद, गुरपलिया, नेवादा, टिकरिया, जैनापुर जैती खेड़ा, बद्री खेड़ा, कोलिया, महेशपुर, आदि गांव के सैकड़ो ग्रामीणों ने अपना काम छोड़ कर कुत्तों की तलाश कर 30 कुत्तों को मौत के घाट उतार दिया। ग्रामीणो ने कई जगह पर पर कुत्तों को मारकर पेड़ पर फंदे से लटका दिया, तो जगह मारकर फेंक दिया।
Sir, the victims are all kids.. I assume average age 5 years.
Also @sitapurpolice did not conduct PM . Pariah dogs CANNOT crush bones. Pug marks are bigger than normal dogs. Also kone have seen dogs attacking, just like चोटी कटवा।— Anil Tiwari (@Interceptors) May 5, 2018
प्रशासन ने मथुरा में बुलाई एक्सपर्टों की टीम
बिकट घटना के बाद नींद से जागे सीतापुर जिला प्रशासन ने अब ग्रामीणो के कार्रवाई के बाद आदमखोर कुत्तों को पकड़ने के लिए कमर कस ली है। एसडीएम शशांक त्रिपाठी ने बताया कि मथुरा से एक्सपर्टो की टीम बुला ली गई है। गुरुवार की सुबह एक्सपर्ट क्षेत्र के वन विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, आदि विभागों के साथ आदमखोर कुत्तो की तलाश में निकले।
घरों से निकलना हुआ दूभर, लोगों दहशत
इन गांवों में डरे-सहमें ग्रामीण रात में घर से निकलने को हिचकिचाते हैं। प्रशासन इसे लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। लोगों में दशहत का माहौल बना हुआ है। हाल में कुत्तों ने 10 बकरियों को काट कर मार डाला था। यहां आवारा कुत्तों की तादात बढ़ गई है। दिन की तुलना में कुत्ते रात में ज्यादा खतरनाक हो जाते है। रात में झुंड बनाकर सड़कों पर निकल पड़ते है। आरोप है कि कुत्ते गांवों की गलियों में रात भर उधम मचाते हैं। कोई अंजान व्यक्ति अगर रात में आ जाता है तो यह उसे काटने के लिए दौड़ा लेते है। कुत्ते बाइक सवार लोगों को भी काटने के लिए दौड़ा लेते है। कई बाइक सवार तो भागने के चक्कर में गिरकर चुटहिल तक हो चुके हैं।