गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन काण्ड के बाद बच्चों की मौत के बाद चर्चा में आये डॉ कफील आज लखनऊ में हैं. डॉ काफ़िल के भाई को कुछ दिन पहले गोली लगी थी जिसके चलते आज वे लखनऊ में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे हैं.
10 जून को डॉ कफील के भाई पर हमला:
बीते 10 जून को डॉ कफील के भाई कासिफ जमील को कुक्क लोगों ने गोली मार कर उन पर जानलेवा हमला किया था. जिसके बाद पुलिस और अस्पताल प्रशासन से नाराज डॉ कफील ने आज लखनऊ में एक प्रेस वार्ता करते हुए इस घटना से जुड़ें कई तथ्यों पर बात की.
डॉ कफील ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर से सिर्फ 500 मीटर दूरी की दूरी पर उनके भाई पर हमला हुआ था. इस मामले में पुलिस में 48 घंटे में पकड़ लेंगे का आश्वासन दिया था. जिसपर तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी हैं.
उन्होंने कहा, ‘आज 6 दिन से ज्यादा हो गया लेकिन पुलिस ने इस मामले में किसी को नहीं पकड़ा.”
पुलिस हमलावरों से मिले हुए:
इतना हीं नही डॉ कफील ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि जो पुलिस वाले जांच कर रहे है, वही हमलावरों के साथ मिले हुए हैं.
भाई पर हमले के बारे में बताते हुए कहा कि 2 हमलावरों ने उनके भाई की पीठ पर एक गोली मारी. जो स्कूटी पर सवार थे. उन्होंने कहा, “जो स्कूटी चला रहा था, उसने हेलमेट पहना था और दूसरे ने गमछा लपेटा था मगर मेरा भाई उसे आंखों से पहचान सकता है.”
कफील अहमद ने ये भी बताया कि “दूसरी गोली सामने की तरफ से मारी गयी उनके हाँथ को चीरते हुए निकली, वहीं तीसरी गोली बाएं बाजू से गर्दन पर आके अटक गई.”
उन्होंने कहा कि इस हमले के दौरान मेरा भाई लगातार भागता रहा. भागते हुए वो एक निजी हॉस्पिटल में खुद पहुंचा लेकिन डॉक्टर ने ईलाज करने से ही मना कर दिया.
अस्पताल ने किया इलाज से इंकार:
उन्होंने अस्पताल के रवैये के बारे में बताते हुए कहा कि आस पास के लोगों ने भाई की मदद कर उसे ऑटो में डाल दिया और परिवार को सूचित किया गया.
पुलिस ने कहा की पहले मीडिया को बताया गया फिर पुलिस को, लेकिन ये सरासर गलत है जब कि एसएसपी शलभ को मेरे भाई ने खुद काल करके बताया था. इस बात के कॉल डिटेल भी हमारे पास हैं.
-पुलिस ने पहले मेरे भाई का फोन जब्त किया
-डॉ वजाहत ने मेरे भाई का इलाज किया जिससे उसके बहते खून को रोका गया
-सीओ प्रवीण सिंह ने कहा पहले मेडिको लीगल होगा फिर एम्बुलेंस में लाद कर हम सरकारी अस्पताल पहुंचे जहां मेडिको लीगल के लिए 1 घंटा लगा, जिसके बाद सीओ ने बोला कि मैं यहां के मेडिकल से सेटिस्फाई नही हूँ. मेडिकल कॉलेज चलना पड़ेगा.
-मैं अपने भाई को लेकर पुलिस को बिना बताए वहां से अस्पताल के लिए भागा.
-पुलिस ने हमारा पीछा किया जहां अस्पताल में फिर पुलिस वालों ने भाई का इलाज नही होने दिया.
-फिर हमें जबरन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया.
11 बजे का ऑपरेशन हुआ 3 बजे:
-11 बजे गोली लगी और 2.30 घंटे से ज्यादा मुझे पुलिस ने परेशान किया.
-मेरे भाई की हालत ख़राब हो रही थी. जो ऑपरेशन 11 बजे होना था जो सुबह 3 बजे हुआ.
-सीओ ने मेरे और मेरे परिवार के ख़िलाफ़ तानाशाही रवैया अपनाया.
-पुलिस ने वादा किया था कि 48 घंटे में इसका खुलासा कर दिया जाएगा. आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा. लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नही हुआ.
-12 तारीख को मैंने केजीएमसी में अपने भाई को एडमिट कराया
भाजपा सांसद पर लगाया आरोप:
-कमलेश पासवान, सतीश नंगलिया नुमान पुत्र इमाम हुसैन और निकहत आरा के षड्यंत्र पर मेरे भाई पर हमला किया गया
-किसी बड़े साहब का फोन सीएम साहब के पास आ गया कि कमलेश पासवान पर हाँथ मत डालना, तो सारा का सारा मामला उल्टा हो गया.
-मेरे भाई से किसी की दुश्मनी नहीं है. मेरे मामा की ज़मीन को लेकर पूरा मामला है, मेरे भाई मेरे मामा के साथ रहते है.
-मेरे मामा शफ़क़त उल्ला वारसी ने लिखित में मुख्यमंत्री को लेटर दिया था कि ये लोग हैं, जिनसे हमारे पूरे परिवार को खतरा है. लेकिन किसी ने हमारी सुनवाई नही की.
ये हैं मांग:
-सीओ कैंट गोरखनाथ प्रवीण सिंह और एसपी सिटी विनय कुमार सिंह ने तकरीबन 4 घंटे इलाज में देरी करवाई। सबसे पहले इन दोनों को हटाया जाए. सस्पेंड किया जाए और उनके ऊपर जांच की जाए।
-पुलिस पर भरोसा नही है इसलिए हम सीबीआई जांच की मांग करते है, हम पुलिस से इसकी जांच नही कराना चाहते.
-गुंडे खुले घूम रहे है और हमारी और पूरे परिवार की जान को खतरा है। मुझे सिर्फ एक सिपाही मिला जो निहत्था है. उसके पास सिर्फ एक डंडा है. अगर हमला हुआ तो ये बेचारा भी मेरे साथ मारा जाएगा। अगर मुझे कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार होगी.