भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश करने का दावा किया है। इस घोटाले का खुलासा उन्होंने अपने आवास पर बुलाई गई एक प्रेसवार्ता के दौरान किया।
एक चोर की जांच दूसरे से करवाई
- डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के आधीन गरीबों को राशन उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार ने एक योजना चालू की थी।
- इस योजना के तहत 3 रुपये किलो चावल, 2 रुपये किलो गेंहू, 13 रुपये किलो चीनी गरीब आदमी को मिलेगी।
- लेकिन धीरे-धीरे इस पर जिला आपूर्ति के अधिकारियों ने बंदरबांट करके इस पर कब्जा कर लिया।
- उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जब हमने आंकड़े इकठ्ठा किये तो वह बेहद चौंकाने वाले थे।
- इसके बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम से सम्बोधित ज्ञापन जिला प्रशासन के अधिकारियों खाद्य सचिव, खाद्य आयुक्त और कमिश्नर मेरठ मंडल को दिया।
- इसके बाद मामले की जांच डीएसओ मुरादाबाद और आरएससी मेरठ से कराई गई।
- उन्होंने आरोप लगाया कि डीएसओ मुरादाबाद उसी विभाग का आदमी है उसके यहां भी वही काम हो रहा है।
- उन्होंने कहा कि चोर-चोर मौसेरे भाई वाली कहावत की तरह एक चोर की जांच दूसरे चोर से करवा दी गई।
- उन्होंने आरोप लगाया कि प्रारंभिक जांच में ही अधिकारियों को बचा लिया गया।
- लेकिन राशन कार्ड दुकानदारों पर गाज गिराने का काम किया गया।
- उन्होंने घोटाले से जुड़े दस्तावेज भी मिडिया को सौंपे।
#मेरठ: खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का सबसे बड़ा घोटाला, बिना आवेदन के ही बने 5 लाख से ज्यादा फ़र्ज़ी राशन कार्ड बने! @myogiadityanath pic.twitter.com/K0kms0DJbo
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) April 12, 2017