डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि में छात्रा के द्वारा फांसी लगाने से आक्रोशित छात्र कल रात से अभी तक कर रहे है प्रदर्शन और दे रहे है धरना।
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि में शनिवार को दिव्यांग छात्रा अंजलि यादव ने खुदकुशी कर ली। वह स्पेशल बीएड एचआई की छात्रा थी।
अंजलि के फांसी लगाने के बाद भड़के साथी छात्रों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
मोहान रोड के बीच बैठे छात्रों ने कॉलेज पर सुविधाएं न देने का आरोप लगाया और मंत्री को बुलाने की मांग की।
सूचना पर एसीपी काकोरी, पारा इंस्पेक्टर समेत अन्य पुलिस बल मौके पर पहुंचा।
आला अफसरों के समझाने के बाद भी बच्चे पूरी रात धरने पर बैठे रहे।
धरना रविवार को भी जारी है।
छात्र ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
छात्रों में मामले में विवि द्वारा गठित जांच कमेटी में छात्रावास की ही वार्डेन को शामिल करने पर सवाल उठा रहे हैं।
छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज में न तो एंबुलेंस की सुविधा है, न तो जरूरत के अन्य सामान की व्यवस्था है।
विषय में बैक आने के बाद छात्रा काफी परेशान रहने लगी थी।
आरोप है कि शिक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने फांसी लगाई है।
गोमती नगर निवासी महेश यादव ने बताया कि कॉलेज दूर होने के कारण बेटी अंजलि को कॉलेज में हॉस्टल दिलवा दिया था।
छुट्टी होने पर बेटी घर आ जाती थी। कुछ दिनों पहले बेटी घर आई थी, लेकिन उसने कुछ बताया नहीं।
छात्राओं के अनुसार, अंजली शाम तक ठीक थी। वह विवि में विशेष शिक्षा संकाय की ओर से आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में भी शामिल हुई थी।
इसके बाद सहेलियों के साथ कैंटीन में चाय पीने भी गई थी। छात्रा अंजलि की दोस्त अर्शी ने बताया कि शनिवार शाम करीब चार बजे मेस में साथ बैठे थे।
चाय पीने के बाद करीब छह बजे वह कमरे में चली गई। इसके थोड़ी देर बादी ही उसके फांसी लगाने की सूचना मिली। अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया।
प्रदर्शन की सूचना पर देर रात वीसी प्रो. राणा कृष्ण पाल सिंह मौके पर पहुंचे। इस पर छात्र हाय-हाय के नारा लगाने लगे। काफी देर बातचीत के बाद भी छात्र नहीं माने और वीसी को हटाने की मांग की।
पुनर्वास विवि के रजिस्ट्रार अमित कुमार सिंह का कहना है कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। बैक पेपर बहुत से विद्यार्थियों के आते हैं और इसे क्लियर करने के बाद कई अवसर भी दिए जाते हैं। घटना की जांच की जाएगी। हमारी संवेदनाएं छात्रा के परिजनों के साथ हैं।