उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिला में इस समय आवारा कुत्तों का आतंक चरम सीमा पर है, इस पर प्रशासन लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। शहर के पार्कों में आवारा कुत्तों की इतनी भरमार है कि सैर करना भी लोगों के लिए मुश्किल हो रखा है। लोगों को यही डर सताता है कि कहीं उन पर ये कुत्ते हमला न कर दें। कुत्ते लगातार लोगों को काटने का काम कर रहे हैं।
जिला प्रशासन से कुत्तों को पकड़ने की मांग
ताजा मामला खैराबाद थाना क्षेत्र के गुरपलिया व टिकरिया गांव का है। यहां आवारा कुत्तों ने दो मासूमों को नोचकर मारडाला। मासूम जान बचाने के लिए संघर्ष करते रहे, लेकिन कुत्ते बच्चों को जिंदा खा गए। मासूम चीखते चिल्लाते रहे, लोग बचाने को दौड़े लेकिन कुत्तों के डर से वह बच्चों की जिंदगी नहीं बचा सके। एक लड़का और एक लड़की की मौत से गांव में कोहराम मचा हुआ है। मासूमों की मौत से माँ बेहोश होकर गिर गई, वह छाती पीट-पीटकर रो रहीं थीं। मासूमों के परिवार में मातम छाया है वहीं ग्रामीण कुत्तों को मारने के लिए उनकी तलाश कर रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो पिछले कुछ दिनों में आवारा कुत्तों ने यहां करीब एक दर्जन लोगों का काटकर आतंक फैलाया हुआ है। गांव में आवारा कुत्तों को लेकर दशहत है। ग्रामीणों ने आवारा कुत्तों से निजात पाने के लिए जिला प्रशासन से उन्हें पकड़ने की गुहार लगाई है।
घरों से निकलना हुआ दूभर, लोगों दहशत
इन गांवों में आवारा कुत्तों का आतंक कायम है। रात में यह और भी खूंखार हो जाते है। डरे-सहमें शहरवासी रात में घर से निकलने को हिचकिचाते हैं। प्रशासन इसे लेकर जरा भी गंभीर नहीं है। लोगों में दशहत का माहौल बना हुआ है। हाल में कुत्तों ने 10 बकरियों को काट कर मार डाला था। यहां आवारा कुत्तों की तादात बढ़ गई है। दिन की तुलना में कुत्ते रात में ज्यादा खतरनाक हो जाते है। रात में झुंड बनाकर सड़कों पर निकल पड़ते है। कुत्ते गांवों की गलियों में रात भर उधम मचाते हैं। कोई अंजान व्यक्ति अगर रात में आ जाता है तो यह उसे काटने के लिए दौड़ा लेते है। कुत्ते बाइक सवार लोगों को भी काटने के लिए दौड़ा लेते है। कई बाइक सवार तो भागने के चक्कर में गिरकर चुटहिल तक हो चुके हैं।