बलिया में बाढ़ से प्रभावित दूबेछपरा गांव की स्थिति जस की तस बनी हुई है। गांव वालों की लगातार मेहनत और उनके अथक प्रयास से रिंग बांध अभी तक सुरक्षित है लेकिन खतरा पूरी तरह टला नही है।
सुबह 3 बजे बढ़ गया था खतरा:
- सुबह करीब 3 बजे कटान तेज होने के कारण थोड़ी भगदड़ जरूर मची थी लेकिन गांव वाले मौके पर डटे रहे।
- कटान स्थल पर बोरियां डालने का काम बंद नहीं हुआ है।
- हालात का जायजा लेने के लिए मौके पर डीएम बलिया तुरंत पहुंचे थे।
- उन्होंने अधिकारियों को उचित निर्देश दिया है।
- पूरी रात ग्रामीणों ने कटान स्थल पर मिट्टी से भरी बोरियां डालने का काम किया है।
- कटान के बावजूद गांववालों ने हिम्मत नही हारी है।
- मौके पर NDRF की टीम भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए मौजूद है।
- लगातार गांववालों के प्रयास ने रिंग बांध को अभी तक सुरक्षित रखा है।
- गांववालों की मदद के लिए अब आस-पास के गांव के लोग भी हाथ बंटा रहे हैं।
- इस मुसीबत की घड़ी में गांववालों का ये साहस एक मिसाल बन गया है।
- प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से खास मदद नही मिल पायी है।
- जिले के सांसद भरत सिंह ने भी मौके का जायजा लेने के अलावा कोई ठोस कदम नही उठाया है।
- गांववालों के जोश और जज्बे को देखकर शायद अब गंगा का दिल भी पसीज रहा है।
- जलस्तर घटने लगा है लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
जियो बैग का पता नही-
कटान रोकने में इस्तेमाल होने वाले जियो बैग का अभी तक इस्तेमाल ना हो पाना चिंता विषय है। जिले के वरिष्ठ इंजीनियर कुमार गौरव ने मौके पर मजदुर बढ़ाने की बात की है। लेकिन जियो बैग कब डाला जायेगा इस बात पर कोई ठोस जवाब नही दे पाए।
फ़िलहाल रिंग बंधे पर राहत कार्य जारी है और गांववालों को उम्मीद है कि उनकी ये मेहनत रिंग बांध को टूटने से बचा लेगी , जिसकी सख्त जरूरत है। बता दें कि ग्रामसभा गोपालपुर चारो तरफ से इसी रिंग बांध से घिरा हुआ है। रिंग बांध के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में पूरा गांव जलमग्न हो जायेगा। ऐसी किसी भी स्थिति को रोकने के लिए गांववालों का प्रयास और जीवटता अपने आप में सराहनीय है।