बाढ़ और कटान की विभीषिका झेल चुके दूबेछपरा रिंग बांध(dubeychhapra ring dam) की मरम्मत और निर्माण का कार्य शुरू हो गया है. पिछले साल कटान के वजह से रिंग बांध पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. गंगा का पानी पूरे गाँव में पसर गया था. इस बाढ़ के कारण भारी जान-माल का नुकसान हुआ था. अथक प्रयास के बाद कटानरोधी कार्य प्रारम्भ हो गया.

शुरुआत में लचर रवैये के कारण ग्रामीणों ने कार्य का विरोध किया था. इसका नतीजा अब कार्य में तेजी के रूप में सामने आया है. स्पर निर्माण और बांध की मरम्मत का कार्य गति पकड़ चुका है. फिर भी किसी प्रकार की लापरवाही की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों ने कटानस्थल पर डेरा जमा दिया है.

कटान रोधी कार्य ने पकड़ी गति:

  • कटान प्रभावित तीन गांव के अस्तित्व को बचाने की कवायद आखिरी क्षण में रंग लाती दिख रही है.
  • सभी ठेकेदार और सरकारी मशीनरी ने कार्य को समय पर पूर्ण करने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं.
  • कटान रोधी कार्य की गुणवक्ता और कार्य में तेजी भी दिखाई दे रही है.
  • ग्रामीणों को अब ये लगने लगा है कि कटान से इस बार वो बच सकेंगे.
  • वहीँ दो-दो प्रमुख शिक्षण संस्थान सहित उनका आशियाना अब महफूज हो सकेगा.
  • समय से कटान रोधी कार्य न होने से अभी कुछ दिन पूर्व ही ग्रामीणों सहित क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह को सड़क पर उतरना पड़ा था. शासन पर लगातार दबाव बनाने का नतीजा ही रहा है कि कार्य में प्रगति दिखाई दे रही है.

केहरपुर की स्थिति चिंताजनक:

  • वहीँ दूबेछपरा के नजदीक केहरपुर की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.
  • वहां पर कटान को रोकने का कुछ उपाय नहीं हो रहा है.
  • प्रशासन की निष्क्रियता के कारण आज क्षेत्र के ग्रामीणों ने सड़क जाम करने की ठानी है.
  • उनका कहना है कि शासन की लापरवाही केहरपुर को गंगा में विलीन कर देगा.
  • समय रहते अगर यहाँ कटान रोधी कार्य नहीं किया गया तो स्थिति भयावह हो जाएगी.
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