लोकसभा चुनाव के चलते इस बार होली में होगे नेताओ के रंग
इस बार यानी लोकसभा 2019 के चुनाव में होली का पर्व चुनाव से पूर्व ही आ रहा है। जिससे की इस बार लोकसभा चुनाव के सभी प्रत्याशी होली के रंग में नजर आयेंगे। क्यूंकि उन्हें परिणाम की चिंता नही बल्कि वोटरों को लुभाने के टिप्स व कारणों पर ध्यान देकर उनसे रूबरू होकर उनके साथ घुल मिलकर होली के रंग में रंग जाना है। चुनाव आते ही बाजार, चौपाल, गली और नुक्कड़ में चर्चाएं शुरू हो जाती हैं। अपनी-अपनी अटकलें जीत हार के दांवपेंच चर्चाओं का विषय होते हैं।
- ये ऐसी चर्चाएं होती हैं जो लोगों के ही द्वारा एक-दूसरे तक पहुंची हैं, लेकिन होती बहुत रोचक हैं।
- जिसके चटकारे हर चुनावी चौपाल पर ठहाके दे जाते हैं।
- प्रस्तुत है कुछ ऐसी ही रोचक चकल्लस।
- बुरे का भला हो। अच्छे का भला हो। सबका भला हो।
- भैय्ये यही कामना करता है।
- आहे, दिल्ली वाली छुक-छुक गाड़ी में अब कैसे बैठेंगे।
- भैय्ये को खबर लगी है कि फूल वाली पार्टी के ‘लीटर वाले लीडर’ से संतरे के शहर से खुशबू लेने वाले नाराज हैैं।
होलाष्टक मुहूर्त के कारण कुछ राजनीतिक दलों का गड़बड़ा गया गणित
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव में होलाष्टक मुहूर्त के कारण कुछ राजनीतिक दलों का गणित गड़बड़ा गया है। इस बार 14 मार्च से होलाष्टक लगने जा रहा है जो 21 मार्च तक जारी रहेगा। होलाष्टक लगने के दौरान शुभ कार्यों से परहेज किया जाता है, ऐसे में संभावना यही है कि अधिकतर प्रत्याशी होली के बाद ही नामांकन कराएंगे। पहले चरण के चुनाव को लेकर 18 मार्च को नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा।
- इसके बाद ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 25 मार्च तक नामांकन हो सकेंगे।
- 14 मार्च से होलाष्टक लगने के कारण प्रत्याशियों के 18 मार्च के बाद 21 मार्च तक नामांकन कराने की उम्मीद कम ही है।
- ऐसे में नामांकन के लिए प्रत्याशियों के पास सिर्फ तीन दिन का ही समय शेष बचेगा।
- 22 और 23 मार्च को नामांकन के बाद 24 मार्च को रविवार होने के कारण नामांकन नहीं हो सकेंगे।
- इसके बाद नामांकन के लिए सिर्फ 25 मार्च का एक ही दिन शेष रहेगा।
यूपी के साथ साथ उत्तराखंड में भी प्रत्याशियो में दिखेगा लोकसभा चुनाव के होली का रंग
अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड की होली कुछ चुनावी रंग में कुछ ज्यादा ही रंगी नजर आएगी। 18 मार्च से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने की वजह से उम्मीद है, सभी दलों के प्रत्याशियों की घोषणा समय पर हो जाएगी। लिहाजा, प्रत्याशियों को टिकट की टेंशन न रहेगी और पूरा फोकस घर घर जाकर चुनाव प्रचार करने पर रहेगा।
- चुनावी साल होने की वजह से इस बार होली कुछ ज्यादा ही महत्वपूर्ण हो चली है।
- इस साल होली 20 और 21 मार्च को है। होली के मौके पर चुनाव प्रचार को होलियारा रंग भी खूब बिखरेगा।
- प्रचार करने आए नेता व उनके समर्थक आपके घर होल्यारों के अंदाज में वोट मांगने भी आ सकते हैं।
शो फ्लॉप हो गया है, उतरने वाली है फिल्म
बता रहे थे कि पांच साल बेहाल वाले रहे। चार बार भी मत्था टेकने नहीं आए। कह दिया है कि इनको टिकट दिया, तो अजब-गजब हो जाएगा। रजाई वाले शहर के ‘बाबूजी’ भी खुश नहीं हैैं। सारी मलाई पराई देख मत्था टेक आए लेकिन बात बन नहीं पाई। फिर भी चमचों को चम्मच बजाकर लोरी सुना रहे हैैं कि अभी आगे और लड़ाई है। पर भैय्ये को भी खबर है कि शो फ्लॉप हो गया है, फिल्म उतरने वाली है।
- पर ‘लीटर वाले लीडर’ नाराज न होना, ये तो बातें हैैं, बातों का क्या।
- अपुन के हाथ वाले न जाने कब कहां हाथ साफ कर दें, अपनों के दस्तखत भी पार कर दें।
- अपुन के एक पुराने नेताजी का ‘विवेक’ खो गया। दूसरों के अंदाज से गाने लगे।
- बोले मैैंने तो सबको देखकर खाली कागज पर दस्तखत कर दिए थे।
रिपोर्ट- संजीत सिंह सनी
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