तीन राज्यों में कांग्रेस के जीत का जश्न मनाने के लिए संभावित रैली पर बना हुआ है संदेह
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Uttar Pradesh

 तीन राज्यों में कांग्रेस के जीत का जश्न मनाने के लिए संभावित रैली पर बना हुआ है संदेह 

 तीन राज्यों में कांग्रेस के जीत का जश्न मनाने के लिए संभावित रैली पर बना हुआ है संदेह

  • लखनऊ :तीन राज्यों में कांग्रेस के जीत का जश्न लखनऊ में मनाने की
  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की योजना पर फिलहाल संशय है।
  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की यहां दस फरवरी को रमाबाई अंबेडकर मैदान में प्रस्तावित रैली
  • फिलहाल खटाई में पड़ती दिख रही है।
  •  प्रियंका गांधी के राष्ट्रीय महासचिव तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त करने को लेकर
  • लखनऊ की रैली को सफल बनाने में कांग्रेस के कार्यकर्ता बड़ी मेहनत से लगे थे।
  • फिलहाल इस पर अभी कोई सक्रियता नहीं है।
कांग्रेस ने रैली को रमाबाई अंबेडकर मैदान में कराने की जिला प्रशासन से स्वीकृति ले ली थी
  • प्रदेश संगठन में हुए बदलाव के चलते प्रदेश में पार्टी की सभी गतिविधियां ठहरी हुई हैं।
  • नवनियुक्त महासचिव व प्रभारी प्रियंका गांधी के कार्यभार
  • ग्रहण के बाद ही संगठनात्मक कार्यो मेंं तेजी आने की उम्मीद जतायी जा रही है।
  • प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के बाद कांग्रेस के सभी 80 संसदीय सीटों पर
  • चुनाव लडऩे की घोषणा के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष
राहुल गांधी की एक दर्जन रैली कराने का कार्यक्रम तय किया गया था
  • फरवरी के प्रथम सप्ताह से मार्च तक उत्तर प्रदेश में आयोजित होने वाली
  • रैलियों के लिए प्राथमिक तौर पर जो स्थान चिह्नित किए गए थे |
  • उनमें हापुड़, मुरादाबाद, सहारनपुर, अलीगढ़, आगरा, बरेली, वाराणसी,
  • सीतापुर, कन्नौज, लखनऊ, गोरखपुर और प्रयागराज शामिल हैं।
रैलियों की तैयारी के लिए प्रदेश आये ध्यक्ष राजबब्बर
  • गुलाम नबी आजाद ने कार्यकर्ताओंं की जिलेवार बैठकों का सिलसिला भी आरंभ कर दिया था।
  • बीती 11 व 12 जनवरी को दिल्ली में पश्चिमी उप्र के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक हुई
  •  13, 14 व 16 जनवरी को लखनऊ में विभिन्न चरणों में बैठकें आयोजित की गई थीं
  • जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी, डा. संजय सिंह,
  • पीएल पुनिया, अखिलेश प्रताप सिंह, दीपक सिंह और नसीमुद्दीन सिद्दीकी जैसे नेता भी मौजूद थे।
  • इसमें राहुल की पहली रैली दस फरवरी को लखनऊ में कराने का निर्णय भी लिया गया
  • और प्रशासन से अनुमति लेने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई थी
प्रियंका की नियुक्ति के बाद तैयारी ठंडी
  • प्रदेश प्रभारी पद से बीती 23 जनवरी को गुलाम नबी आजाद को हटाकर
  • प्रियंका गांधी व ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रभारी बनाने की घोषणा के तुरन्त बाद सारी तैयारियां बंद कर दी गईं।
  • नवनियुक्त प्रभारियों ने कार्यभार संभाला नहीं लेकिन पुराने प्रभारी गुलाम नबी ने किनारा कर लिया।
  • अब माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी के आगमन के बाद ही रैलियों के कार्यक्रम नए सिरे से तय किए जाएंगे।

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