पुराणों के अनुसार, करीब 50 साल बाद प्रयाग कुंभ में ऐसा अवसर आया है जब मौनी अमावस्या के दिन सोमवती अमावस्या और महोदय योग का संयोग बना है। इस योग का इंतजार श्रद्धालुओं को हमेशा से रहा है। कहते हैं कि पांडवों को जीवन भर इस योग का इंतजार रहा लेकिन यह उनके जीवन में नहीं आया। इस योग में गंगा और त्रिवेणी में स्नान से कई जन्मों के पाप कटित हो जाते हैं इसलिए मौनी अमावस्या 4 फरवरी को तीर्थनगरी प्रयाग में कुंभ के दूसरे शाही स्नान पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु शाही स्नान का पुण्य प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर यहां का नजारा देखते ही बनता है। प्रयागराज में मौनी महाराज ने त्रिवेणी संगम में शाही स्नान किया। मौनी महराज राम मंदिर के लिए 28 सालों से दीप जला रहे हैं जो अब तक 3 करोड़ दीपक जला चुके हैं।
प्रयागराज कुंभ में 2019 के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों एवं कुंभ में स्नान के लिए देश-विदेश से पधारे पूज्य संत-महात्माओं एवं श्रद्धालुओं को सीएम योगी आदित्यनाथ ने हार्दिक शुभकामनाएं दी। सबसे बड़ा पंचदशनाम जूना अखाड़ा के संतों ने संगम में लगाई डुबकी। इन्हीं के साथ आवाहन और अग्नी अखाड़े के संत भी संगम पर डुबकी लगाने पहुंचे। तीनों अखाड़ों के संतों ने संगम तट पर पवित्र स्नान किया। संगम की रेती की शान अखाड़ों ने मौनी अमावस्या स्नानपर्व पर दूसरी शाही डुबकी लगाई। अखाड़ों में बनाए गए नए नगा साधु दूसरे शाही स्नान की शान बन रहे हैं। संतों, महामंडलेश्वरों के साथ ही नए बने नागा संन्यासियों में डुबकी लगाने को लेकर सबसे ज्यादा आतुरता देखी जा रही है। संतों के शाही स्नान के लिए अखाड़ों की छावनी से लेकर मुख्य संगम नोज तक खास बैरीकेडिंग की गई है। प्रत्येक अखाड़े को स्नान के लिए चालीस मिनट का समय दिया जा रहा है। अखाड़ों के स्नान के बीच में बीस मिनट के अंतराल में घाट खाली कराने और सफाई की व्यवस्था की गई है।
बता दें कि माघ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी या माघी अमावस्या कहते हैं। दरअसल इस दिन मौन धारण करना काफी शुभ माना जाता है। पूरे प्रदेश में मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालु भोर से ही आस्था की डुबकी लगा रहे थे। ऐसे में मौनी अमावस्या में कुछ चीजों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार ऐसे करने से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। मौनी अमावस्या पर इस साल कई शुभ संयोग बन रहे हैं। वहीं, इस दिन स्त्री और पुरुष दोनों को शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। गरुड़ पुराण के मुताबिक- मौनी अमावस्या पर यौन संबंध बनाने से पैदा होने वाली संतान को जीवन में कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं ऐसा करने से पितृगण भी नाराज होते हैं। मौनी अमावस्या में स्त्री-पुरुष को किसी भी प्रकार के वाद-विवाद से बचना चाहिए। इससे घर में अशांति का वातावरण होता है। ये हमेशा नकारात्मक शक्ति को जन्म देता है। वहीं, इस दिन मौन रहकर भगवान का भजन करना चाहिए।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]अमावस्या की रात मरघट में सक्रिय रहती हैं नकारात्मक शक्तियां[/penci_blockquote]
अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं। मौनी अमावस्या की रात श्मशान घाट या कब्रिस्तान या उसके आस-पास घूमें। इसके अलावा मौनी अमावस्या की सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। इस दिन सुबह जल्दी उठें और मौन रहते हुए पानी में काले तिल डालकर स्नान करें। स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। ध्यान रहे स्नान करने से पहले कुछ बोलें नहीं।इस दिन स्नान, दान से मोक्ष फल की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन किसी भी गरीब और असहाय व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार शनिदेव गरीबों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में जो व्यक्ति गरीब का अपमान करता है, उस पर शनिदेव कृपा नहीं करते। इसके अलावा अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करना शुभ फलदायी माना गया है। शनिवार के दिन को छोड़कर किसी और दिन पीपल का स्पर्श करना अशुभ माना गया है। इसलिए मौनी अमावस्या पर पूजा करें लेकिन उसे स्पर्श न करें।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]मौनी अमावस्या का राशियों पर योग[/penci_blockquote]
➡मेष- मेहनत सफल होगी, विवादों में विजय के साथ, आय को बेहतर बनाए रखेंगे।
➡वृषभ- गुरु की दृष्टि राशि पर है। शीघ्र ही धन लाभ का योग बनेगा।
➡मिथुन- कार्य में सफलता मिलेगी, प्रभाव में वृद्धि होगी।
➡सिंह- राशि वालों के लिए भविष्य में अच्छा होने की उम्मीद।
➡कर्क- भाग्य का साथ मिलेगा। आय बेहतर रहेगी, यात्रा में कठिनाई आएगी।
➡सिंह- भविष्य में कुछ अच्छा होने का योग बन रहा है।
➡कन्या- राशि पर गुरु-मंगल की दृष्टि होने से संघर्ष का समय हो सकता है। आगे सफलताएं मिलने के योग है।
➡तुला- मंगल की दृष्टि और अनुकूल चंद्र की वजह से आय में वृद्धि करेगा।
➡वृश्चिक- बेरोजगारों को रोजगार की प्राप्ति होगी। कारोबार में नए प्रस्ताव की प्राप्ति होगी।
➡धनु- धन की आवक उत्तम रहेगी और प्रभाव भी बना रहेगा, नए काम होंगे।
➡मकर- बेकार की बातों में समय नष्ट होगा। विवादों में विजय प्राप्त होगी और सब अच्छा चलेगा।
➡कुंभ- सम्मान प्राप्त होगा।
➡मीन- मंगल का गोचर और गुरु की दृष्टि राशि पर है। चंद्रमा आय को बेहतर बनाएगा और स्वास्थ्य में लाभ होगा।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]मौनी अमावस्या पूजा विधि और शुभ मुहूर्त[/penci_blockquote]
ऐसा कहा जाता है कि मौनी आमवस्या के दिन गंगा जल अमृत में बदल जाता है। इस दिन अगर आप व्रत रख रहे हैं तो प्रात उठ कर सबसे पहले स्नान करें और फिर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। मोनी अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी परिक्रमा करें। सूर्य को जल दें।
➡अमावस्या तिथि – सोमवार, 4 फरवरी 2019
➡अमावस्या तिथि आरंभ – 23:52 बजे से (3 फरवरी 2019)
➡अमावस्या तिथि समाप्त – 02:33 बजे (5 फरवरी 2019)
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