प्रदेश में एक से बढ़कर एक घोटाला सामने आता है कुछ सरकारी फाइलों में दब जाती है तो कुछ मीडिया की सुर्खियां बन जाती है. कुछ पर कार्रवाई हो जाती है तो कुछ सिर्फ सुर्खियां बनकर रह जाती है. उत्तर प्रदेश के नए घोटाले की बात करें तो सरकारी कर्मचारियों ने अब तो डेस्टबिन में भी घोटाले करना शुरू कर दिया है.
क्या है मामला:
श्रावस्ती जिले के हरिहरपुररानी ब्लॉक के मटखनवा ग्रामसभा में नया और चौकाने वाला घोटाला सामने आया है, जहाँ केंद्र सरकार स्वच्छता सर्वेक्षण चला कर गाँवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए गांवों में कूड़ेदान (डेस्टबिन) रखने की योजना चला रही है. जिससे ग्रामीणों को अनेकों बीमारियों और गंदगी से बचाया जा सके. वहीं इस योजना को अब अधिकारी और कर्मचारी ही पलीता लगाने में जुटे है।
हरिहरपुर रानी ब्लॉक के मटखनवा ग्राम प्रधान ने बताया कि हमारे ग्राम पंचायत के सेक्रटरी (ग्राम विकास अधिकारी) ने जाल साज़ी करते हुए कूड़ेदान रखवाने के नाम पर चेक पर दस्तख़त करवा लिए और सोलर लाइट और कूड़ेदान (dustbin) के लाखों रूपये निकाल कर गबन कर लिया.
प्रधान ने लगाया आरोप VDO ने उड़ाए कूड़ेदान और सोलर लाइट के रुपये:
वहीं जब इसकी जानकारी हुई तो ग्राम सभा मे हड़कंप मच गया. पूरे ग्राम सभा में लगभग 20 कूड़ेदान और 8 सोलर लगने थे जिनका ग्राम विकास अधिकारी ने उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर लाखों का बजट में गोलमाल किया.
इसकी शिकायत ग्राम प्रधान ने लिखित में जिला स्तरीय अधिकारियों से की है. वहीं इस घोटाले के सामने आने के बाद से अधिकारियों में हडकंप मचा हुआ है और जाँच पड़ताल शुरू कर दी है।
अब बड़ा सवाल यह उठता की जब अधिकारियों /कर्मचारियों ने कूड़ेदान में भी घोटाले शुरू कर दिए है तो फिर देश का विकास कैसे संभव है?