सहज यात्री अनुभव के लिए लखनऊ एयरपोर्ट पर ‘ई-गेट्स’ का उद्घाटन
प्री-सेक्योरीटी होल्ड एरिया में निर्बाध प्रवेश को बढ़ावा देने के लिए ई-गेट्स की शुरुआत
यात्रियों की सुविधा के लिए टर्मिनल-2 पर चार ई-गेट लगाए गए हैं
चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (सीसीएसआईए) (CCSIA) ने COVID-19 महामारी के बीच संपर्क रहित, निर्बाध यात्रा के लिए टर्मिनल-2 पर ई-गेट्स की शुरुआत की है।
ई-गेट्स की शुरुआत पर टिप्पणी करते हुए, सीसीएसआईए के प्रवक्ता ने कहा, “ई-बोर्डिंग सुविधा सभी घरेलू उड़ानों में प्रस्थान करने वाले यात्रियों की तेज़ और निर्बाध प्रक्रिया को सक्षम करने के लिए है। ई-गेट्स का उद्देश्य डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना और लखनऊ हवाईअड्डे पर यात्रियों को सहज यात्रा अनुभव प्रदान करना है।”
“टर्मिनल- 2 के प्री-सेक्योरीटी होल्ड एरिया (एसएचए) में चार ई-गेट्स लगाए गए हैं। अब यात्री एयरलाइन्स द्वारा जारी कागज़ के या मोबाइल बोर्डिंग पास पर दीये गए क्यूआर कोड स्कैन करके प्री-एसएचए में प्रवेश कर सकते हैं। ई-गेट्स से व्हील चेयर और दीव्यांग यात्रियों को गुजरने में भी आसानी व सुविधा होगी। यह पहल लखनऊ हवाईअड्डे की सुरक्षा व्यवस्था को भी बढ़ाएगी।”
सीसीएसआईए के प्रवक्ता ने कहा, “लखनऊ हवाईअड्डा यात्रियों के अनुभव को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहा है। ई-बोर्डिंग गेट्स हवाईअड्डे पर स्थापित अद्वितीय तकनीकी समाधानों में से एक है। लखनऊ हवाईअड्डे की इन-हाउस टीम ने हवाईअड्डे पर कई परीक्षण किए और सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किए गए COVID-19 दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए ई-गेट्स शुरू किये है। हमारा एकमात्र उद्देश्य अपने यात्रियों को किसी भी कीमत पर सुरक्षित रखना है।”
वर्तमान में, लखनऊ हवाईअड्डे से प्रतिदिन 17,000 से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। दिसंबर 2022 में पिछले साल के मुकाबले हवाईअड्डे से यात्रा करनेवाले यात्रियों की संख्या 11.3 प्रतिशत बढ़कर 5.35 लाख से अधिक हो गई है। लखनऊ हवाईअड्डा प्रतिदिन लगभग 125 उड़ानो का संचालिन करता है और 30 शहर – 23 घरेलू और 7 विदेशी शहरों को जोड़ता है।
हवाईअड्डे को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से यात्री हैंडलिंग क्षमता को प्रति वर्ष 39 मिलियन तक और कार्गो हैंडलिंग क्षमता को 0.25 मिलियन टन प्रति वर्ष बढ़ाने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त हुई।
हाल ही में, एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन सिविल एविएशन एंड एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर ने लखनऊ एयरपोर्ट को 25 मिलियन से कम की श्रेणी के तहत वर्ष का सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय हवाईअड्डा घोषित किया था। लखनऊ हवाईअड्डे में ‘राष्ट्र निर्माण’ का जुनून है और यह ‘यात्री पहले’ के दर्शन का पालन करता है।