समय कोई भी हो, शासन किसी का भी हो लेकिन राज्य, जिला, शहर आदि का नाम बदलना इतिहास के समय से प्रचलित है। भारत भी नाम बदलने के विषय में अपवाद नहीं है। देश में राजनीति का स्तर यह है कि, अलग-अलग सरकारें अपनी सुविधा और वोटबैंक के अनुसार शहरों और जिलों का नामकरण करती रहती हैं।
उदाहरण के लिए, कलकत्ता, कोलकाता हुआ, मद्रास को चेन्नई बना दिया गया, 7 द्वीपों को जोड़कर बनाये गए बम्बई को मुंबई बना दिया गया, वर्तमान समय में बंगलौर भी बंगलुरु बनने की राह पर है।
हालाँकि, शहरों और जिलों के नाम बदलने की परंपरा कोई नई नहीं है, वहीँ अगर नाम बदले जाने के लिए किसी शहर या जिले को नोबेल दिए जाने की सुविधा होती तो यकीनन उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े और उत्तर भारत के 11वें सबसे बड़े शहर को गुटखा के बाद यह सौभाग्य मिलता। गुटखा सुनते ही सभी को मालूम पड़ गया होगा कि, यहाँ बात कानपुर की हो रही है।
कन्हैयापुर से कानपुर तक का सफ़र:
उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा शहर और उत्तर भारत का 11वां सबसे बड़ा शहर कानपुर अंग्रेजों के समय एक छावनी हुआ करता था। जिसके बाद 24 मार्च, 1803 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने छावनियों को ‘कानपुर जनपद’ का नाम दे दिया।
ईस्ट इंडिया कंपनी की फ़ौज साल 1778 में पहली बार कानपुर पहुंची थी, ईस्ट इंडिया कंपनी के पहले सर्वेयर जनरल ऑफ़ बंगाल जेम्स रेनेल ने गवर्नर के निर्देश पर गंगा-यमुना के दोआब क्षेत्र का सर्वेक्षण किया था। सर्वेक्षण के दौरान जेम्स रेनेल ने एक मानचित्र बनाया था, जिसमें कानपुर को अंग्रेजी में ‘CAUNPOUR’ लिखा था। मानचित्र का प्रकाशन साल 1779 में किया गया था।
18वीं सदी तक प्रमुख फौजी छावनी में तब्दील हो गया था कानपुर:
1778 में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना के कानपुर पहुँचने के बाद 18वीं सदी तक कानपुर प्रमुख फौजी छावनी में तब्दील हो गया था। तत्कालीन समय के ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासनिक और फौजी अधिकारियों का कानपुर आना-जाना भी शुरू हो गया था। साथ ही कंपनी की सेना की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए यूरोपीय व्यवसायी भी कानपुर में आकर बसने लगे थे। कानपुर को अंग्रेजी भाषा में अलग-अलग लिखने का थोड़ा श्रेय उन्हें भी दिया जा सकता है। जिन्होंने अपनी भाषा में शहर के नाम की वर्तनी, स्पेलिंग और हिज्जे में सुविधानुसार परिवर्तन शुरू किये।
1948 तक कानपुर की 18 वर्तनी उल्लेखित:
देश के इतिहास में वैसे तो कई शहर या जिले हैं, जिन्हें विदेशियों ने भारतीयों के उच्चारण के बाद सुनकर अपने-अपने हिसाब से अंग्रेजी भाषा में उनकी वर्तनी की। (उदाहरण के लिए, दिल्ली अंग्रेजी में ‘Delhi’, कलकत्ता अंग्रेजी में ‘Calcutta’ लिखा गया था। लेकिन सूबे का कानपूर शहर इस मामले में भी अपवाद है।
इतिहासकारों और साक्ष्यों के मुताबिक, साल 1770 से लेकर साल 1948 तक कानपुर की अंग्रेजी वर्तनी में 18 बार बदलाव किये गए थे।
गेव्रियल हार्पर के पत्र में मिलता है पहली बार उल्लेख:
कंपनी की सेना भले ही साल 1778 में कानपुर पहली बार पहुंची हो, लेकिन कानपुर का जिक्र पहली बार अवध के नवाब जलालुद्दीन शुजाउद्दौला हैदर के यहाँ तैनात रेजीडेंट, गेव्रियल हार्पर के एक पत्र में प्राप्त होता है। गेव्रियल ने यह पत्र 10 अप्रैल, साल 1770 में लिखा था।
गेव्रियल के पत्र में कानपुर की अंग्रेजी वर्तनी को ‘CAWNPOOR’ लिखा गया था। स्वतंत्रता के बाद भी कानपुर को अंग्रेजी में ‘CAWNPORE’ लिखा जाता था। इस वर्तनी का प्रयोग कंपनी ने साल 1857 में किया था, साथ पहले स्वतंत्रता संग्राम के बाद इम्पीरियल गजट में भी इसी वर्तनी को जगह दी गयी थी।
हालाँकि, CAWNPORE वर्तनी का जिक्र 1788 में थॉमस टिबनिंग ने अपनी पुस्तक में पहली बार किया था। साथ ही यही स्पेलिंग कानपुर के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल भी की गयी।
अमेरीकियों ने भी वर्तनी में अपनी सुविधानुसार बदलाव किये:
ईस्ट इंडिया कंपनी के अतिरिक्त अमेरिकियों ने भी कानपुर की स्पेलिंग में सुविधानुसार परिवर्तन किये। ‘इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ अमेरिका’ में कानपुर को ‘CAWNPOR’ और ‘COWNPOR’ लिखा गया।
कानपुर को भारतीयों के उच्चारण और अंग्रेजों की समझ की व्यवहारिक अक्षमता के चलते साल 1770 से लेकर 1948 तक अंग्रेजी भाषा में 18 नई स्पेलिंग(वर्तनी) मिलीं। जिसे विश्व के किसी भी नगर के सन्दर्भ में एक कीर्तिमान के तौर पर माना जा सकता है।
वर्तमान समय में कानपुर को अंग्रेजी में ‘KANPUR’ लिखा जाता है, जिले को यह नई वर्तनी स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद साल 1948 में मिली थी।
कानपुर की वर्तनी में हुए बदलाव (एक नजर):
CAWNPOOR– 1770, गेव्रियल हार्पर,
CAUNPOUR– 1776, जेम्स रेनेल,
CAUNPORE– 1785, जेम्स फार्वेस,
CAWNPOUR– 1788, जेम्स रेनेल,
KAWNPORE– 1790, फोर्ट विलियम पत्राचार,
CAWNPORE– 1788, थामस टिवनिंग(सर्वाधिक स्वीकृत वर्तनी, 1857 की क्रांति के बाद से 1948 तक),
CAWNPOR– 1795, फोर्ट विलियम पत्राचार,
CAWNPOR– 1798, फोर्ट विलियम पत्राचार,
KAUNPOOR– 1798, नक्शा तथा फोर्ट विलियम पत्राचार,
KHANPORE– श्रीमती डियेन सैनिक अधिकारी की पत्नी,
KHANPURA– वाटर हेमिल्टन, ईस्ट इंडिया गजेटियर,
KHANPORE– फारेस्ट एक अंग्रेज यात्री,
CAUNPOOR– 1815, ईस्ट इंडिया गजेटियर,
KHANPOOR– 1825, भारत का नक्शा,
KANHPUR– 1857, नामक चंद की डायरी, मांटगोमरी मिलेसन
CAWNPOUR– 1857, क्रांति के बाद प्रकाशित एक पोस्ट कार्ड 1881 में,
CAAWNPORE– 1879, मारिया मिलमेन आफ इंडिया,
CAWNPOR– इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ अमेरिका
COWNPOUR– इनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ अमेरिका
KANPUR– 1948, वर्तमान।