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कानपुर: अब गणपति पर ‘इको फ्रेंडली’ गणेश प्रतिमा का होगा विसर्जन

भगवान गणेश को यूँ तो सभी पूजन में सबसे पहले पूजा जाता है. लेकिन गणेश चतुर्थी में गणेश पूजन का विशेष महत्व है | पूरे देश में कई जगहों पर भगवान गणेश के बड़े बड़े पंडाल सजाकर उनमे गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है | हम जिस गणेश प्रतिमा को श्रद्धा भाव से पूजते है उसको बनाने में प्लास्टर आफ पेरिस और केमिकल युक्त रंगो का इस्तेमाल किया जाता है | केमिकल युक्त गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने से पर्यावरण प्रदूषित होता है | गणेश विसर्जन में पर्यावरण प्रदूषित ना हो इसके लिए कानपुर के एक ज्योतिषाचार्य गोबर युक्त गणेश प्रतिमा का निर्माण कर रहे है |  

इको फ्रेंडली होगी गणेश प्रतिमा :

गोविन्द नगर में रहने वाले ज्योतिषाचार्य विवेक तिवारी गणेश चतुर्थी के लिए गोबर युक्त गणेश प्रतिमा का निर्माण कर रहे है |

गणेश प्रतिमा में गाय का गोबर,, गौमूत्र,,गंगा की बालू और उसका जल मिलाकर प्रतिमा बनाई जा रही है |

गणेश प्रतिमा की सुंदरता बढ़ाने के लिए उसको खाने वाले रंगो से रंगा जाता है |

विवेक का मानना है की इनके द्धारा बनाई जा रही  गणेश प्रतिमा पूरी तरह से इको फ्रेंडली है.

इसका विसर्जन करने से पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा |

केमिकल रंगो से पर्यावरण दूषित:

विवेक का कहना है की ज्यादा लालच के चक्कर में कुछ मूर्तिकार प्लास्टर आफ पेरिस प्लास्टिक,

और केमिकल वाले रंगो का इस्तेमाल करते है जो की पर्यावरण के लिए हानिकारक है |

गणेश चतुर्थी के बाद गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है.

लेकिन विवेक का मानना है कि हम इतने दिन गणेश का पूजन करते है,

जिससे उनसे काफी लगाव हो जाता है और विसर्जन के दौरान लोग रोने भी लगते है |

ऐसे में गणेश प्रतिमा का विसर्जन घर में ही करे,

उससे बनने वाली खाद से अपने घर में पुष्प वृक्ष लगाए जिससे गणेश जी आपके घर में वास करेंगे और सुबह आप उनके दर्शन कर सकते है |

शास्त्रों में बताया गया है कि गोबर में लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए गोबर से निर्मित गणेश का पूजन करने से घर में धन धान्य का वास रहेगा |

नयी पीढ़ी को मिले बेहतर वातावरण:

पर्यावरण बचाने की अलख जगा रहे ज्योतिषाचार्य का कहना है कि, हमारा उद्देश्य है कि नयी पीढ़ी को हम ऐसा वातावरण बना कर दे जैसा हमको हमारे पूर्वजो से मिला था |

इको फ्रेंडली गणेश बनाने में ज्योतिषाचार्य की पत्नी उनका काफी सहयोग करती है |

गणेश प्रतिमा को किस कलर से रंगा जाय उसका चुनाव कर गणेश की सुन्दर प्रतिमा बनाई जाती है जोकि देखने में काफी मनमोहक लगती है |

हमारे देश में गाय को माता माना जाता है इसलिए उनके गोबर से शुद्ध कुछ हो नहीं सकता |

जब हम कोई धार्मिक आयोजन करते है तो गाय के गोबर से जमीन को लीपते है,

इसलिए गणेश चतुर्थी पर गणेश का और दीपावली के पर्व गणेश लक्ष्मी बनाते है जोकि पूरी तरफ से पर्यावरण के अनुकूल है |

इनपुट: अवनीश दीक्षित 

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