कानुपर की रोटोमैक कंपनी के निदेशक विक्रम कोठारी व राहुल कोठारी की कानपुर सहित अन्य प्रदेशों में स्थित करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली गयी हैं.

कई बैंकों में किया करोड़ो का गबन:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कंपनी संचालकों की 177 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं। कंपनी व उसके निदेशकों की यह संपत्तियां कानपुर, देहरादून (उत्तराखंड), अहमदाबाद, गांधीनगर (गुजरात) व मुंबई (महाराष्ट्र) में हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विक्रम कोठारी के स्वामित्व वाले कानपुर की रोटोमेक ग्लोबल की 177 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है, जिसमें एक बैंक से कथित रूप से 3,695 रुपये की धोखाधड़ी की गई थी।

गौरतलब है कि करीब साढ़े चार सौ करोड़ रुपये के बैंक फ्राड के मामले में सीबीआइ रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक विक्रम कोठारी, उनके बेटे राहुल कोठारी, साधना कोठारी व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।

इन बैंकों में किये घोटाले:

सीबीआई एफआईआर के मुताबिक कोठारी ने इन बैंकों से करोड़ों रुपये प्राप्त किये.

-बैंक ऑफ इंडिया (754.77 करोड़ रुपये)

-बैंक ऑफ बड़ौदा (456.63 करोड़ रुपये)

-इंडियन ओवरसीज बैंक (771.07 करोड़ रुपये)

-यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (458.9 5 करोड़ रुपये)

-इलाहाबाद बैंक (330.68 करोड़ रुपये)

-बैंक ऑफ महाराष्ट्र (49.82 करोड़ रुपये)

-ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (97.47 करोड़ रुपये) सहित विभिन्न बैंकों से कुल 2,919 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे।

सीबीआइ जांच के दौरान ही ईडी के दिल्ली मुख्यालय में विक्रम कोठारी सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनीलांर्डिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।

जांच में सामने आया कि रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी व उसके निदेशकों ने विदेशी कंपनियों के साथ व्यापार दिखाकर कमीशन का बड़ा खेल किया।

विदेशी कंपनियों के नाम पर डेढ़ से दो प्रतिशत कमीशन को सीधे अपने खातों में भी ट्रांसफर किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि कंपनी संचालकों ने बड़ी रकम का निवेश रियल स्टेट में भी किया हैं.

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