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छात्रों में कौशल जगा रहा ‘एज एजुकेशन (स्पर्श) – विवेक श्रीवास्तव

युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में तेजी के साथ आगे बढ़ रहे लखनऊ के एज एजुकेशन (स्पर्श) संस्थान की तरफ से राजेंद्र नगर स्थित मुख्यलय में चलाया जा रहा बैंकिंग एंड एकाउंटिंग सेक्टर में छात्रों का प्रशिक्षण समाप्त हो गया। समापन समारोह में छात्रों के साथ संस्थान के शिक्षकों के अलावा छात्र और डूडा अधिकारी भी शामिल रहे। समापन समारोह में स्मृति चिन्ह भी प्रदान किये गए। वहां पधारे अतिथियों ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए संस्थान के डॉयरेक्टर की प्रशंसा की। कार्यक्रम के समापन के दौरान छात्रों के भीतर जोश साफ तौर पर देखने को मिल रहा था।

एज एजुकेशन के डॉयरेक्टर विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि संस्थान की ओर से राजेंद्र नगर लखनऊ में दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत शहर मिशन प्रबंधन इकाई (डूडा) द्वारा प्राप्त बैंकिंग एंड एकाउंटिंग सेक्टर में छात्रों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था जो समाप्त हो गया। समापन समारोह में अंकिता मिश्रा (डूडा अधिकारी), नीलम सिंह, वसी सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। एज एजुकेशन (स्पर्श) प्रशिक्षक आकांक्षा अस्थाना ने परियोजना अधिकारी डूडा निधी बाजपेयी एवं अंकिता मिश्रा को समृती चिन्ह देकर सममानित किया।

नीलम सिंह को शिवानी गुप्ता (वरिष्ठ प्रशिक्षक) ने बैच लगाकर उनका स्वागत किया। एज एडुकेशन्स डायरेक्टर विवेक श्रीवास्तव ने अंकिता मिश्रा को सभी छात्रों के तरफ से उनके दारा प्रकाशित किताबें देकर सम्मानित किया। समापन समारोह के दौरान अंकिता मिश्रा ने छात्रों से कुछ प्रश्न भी पूछे। उनके प्रशिक्षण के सम्बंध में सभी छात्रों संतोषजनक प्रश्नो के उत्तर दिए एवं आज के आधुनिक युग को देखते हुए छात्रों को बहुत ही प्रेणादायक सन्देश दिया एवं उनके उजव्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें आशीवार्द दिया।

एज एजुकेशन के डॉयरेक्टर ने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) का नाम बदलकर दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन कर दिया है। दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक महत्‍वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्‍य गरीबों के सतत सामुदायिक संस्था‍नों की स्‍थापना करना तथा इसके माध्यम से ग्रामीण गरीबी समाप्त करना तथा आजीविका के विविध स्रोतों को प्रोत्‍साहन देना है। केन्‍द्र द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम को राज्‍यों के सहयोग से लागू किया गया है। इस मिशन को 2011 में लॉंच किया गया था। पिछले वर्षों में इस मिशन का तेजी से विस्‍तार हुआ है। वित्‍त वर्ष 2017-18 के दौरान 820 अतिरिक्‍त प्रखंडों को इस योजना से जोड़ा गया है। यह मिशन 29 राज्‍यों और 5 केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 586 जिलों के अंतर्गत 4,459 प्रखंडों में लागू किया गया है।

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