उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव 2017 के मतदान के बाद मार्च में यूपी बोर्ड की परीक्षा होनी हैं. ऐसे में प्रदेश भर में गिर रहे शिक्षा के स्तर को बढाने के लिए भले ही लाख कवायद की जा रही हो लेकिन इसके वावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी ही इसमें पलीता लगाते नजर आ रहे हैं. बता दें कि यूपी बोर्ड की परीक्षा जो मार्च महीने से शुरू होगी उसके लिए सेंटर बनाने का बड़ा खेल विभाग के अधिकारी कर रहे हैं. इस काम में अधिकारी का लाखों का वारा-न्यारा करने का मामला भी सामने आ रहा है. यही नही विभागीय अधिकारी की करतूत खुलने पर उसके द्वारा स्कूल प्रबंधक को गाली देते का मामला भी सामने आया है.
ये है पूरा मामला
- यूपी में आगामी चुनाव के चलते बोर्ड परीक्षा मार्च में कराई जा रही है.
- ऐसे में विभागीय अधिकारी भी बोर्ड परीक्षा के लिए सेंटर बनाने में लगे हुए हैं.
- लेकिन सेंटर बनाने के इस काम में अधिकारियों द्वारा लाखों का वारा-न्यारा करने का मामला भी सामने आ रहा है.
- मामला उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर के सम्राट अशोक इन्टर कालेज हाथीखाना का है.
- दो महीने बाद जनपद गाजीपुर में बोर्ड परीक्षा कहा जाने वाला नकल का महाकुम्भ आरंभ होने वाला है.
- जिसको लेकर परीक्षा सेंटर बनाने का खेल जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा जमकर खेला जा रहा है.
- बता दें कि गाजीपुर में सेंटर बनाने के लिए तीन-तीन लाख तक की माँग की जा रही है.
- यानी तीन लाख दीजिये और अपने स्कूल को सेंटर बनवा लीजिये.
- ऐसे में जिसने पैसा दिया उसका सेंटर बना और जिसने नहीं दिया उसका मानक पूरा होने और प्रथम लिस्ट में नाम होने के बाद भी नाम काट दिया गया.
- ये मामला जब मीडिया में आया और पत्रकारों ने विभागीय अधिकारी से जानना चाहा तो उन्होंने मोबाईल पर ही स्कूल प्रबंधक को जमकर गालियाँ देना आरंभ कर दिया.
- बता दें कि गाजीपुर के हाथीखाना के सम्राट अशोक इन्टर कालेज का मानक पूरा है.
- लेकिन जब 303 विद्यालयों की पहली लिस्ट बनी तो इस विद्यालय का नाम उसमें 296 नम्बर पर आया .
- जिलाधिकारी के निर्देश पर 303 सेंटरों को 331 मे तब्दील किया गया.
- अब इस 331 की लिस्ट में शामिल करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक ह्रदयराम आजाद ने तीन लाख रूपये की मांग की और नहीं मिलने पर उसका नाम लिस्ट से गायब कर दिया.
- जिसके बाद जिलाधिकारी से न्याय की माँग की गई.
- इस बारे में जब स्थानीय मीडिया ने जिला विद्यालय निरीक्षक से जानकारी लेनी चाहि तो उन्होंने अपनी गलती माने की जगह स्कूल प्रबंधक पर चढ़ाई करते हुए भद्दी-भद्दी गाली देना आरंभ कर दिए
- गौरतलब हो कि यह मामला किसी एक विद्यालय का नहीं बल्कि कई विद्यालयों के साथ हुआ.
- ऐसे में आगामी शिक्षा और बोर्ड परीक्षाओं पर एक सावलिया निशांन खड़ा होता है की क्या ऐसे वाकई प्रदेश में शिक्षा के स्तर को उठाया जा सकेगा.