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पारदर्शिता लाने के लिए चुनाव आयोग से करवाया गया चुनाव

29 जनवरी को होने वाले राजधानी लखनऊ नगर सहकारी बैंक प्रबंध समिति चुनाव के नामांकन के दौरान आज बवाल खड़ा हो गया, नामांकन करवाने पहुंचे लोगों ने चुनाव आयोग, और पुलिस अधिकारियों पर धांधली का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा. आपको बता दें सहकारी बैंक के प्रत्येक ब्रांच के लिए 12 सदस्यीय समिति चुनी जाती है. जिसमें से एक चेयरमैन चुना जाता है. वहीं लोन व तमाम महत्वपूर्ण कार्यों संबंधी निर्णय समिति के सलाह के साथ चेयरमैन लेता है और जिसका कार्यकाल 5 साल का होता है.

 

12 सदस्यीय समिति के चुनाव का नामांकन चल रहा है…

आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ स्थित पीसीएफ बिल्डिंग में स्थित राजधानी लखनऊ नगर सहकारी बैंक लिमिटेड में 12 सदस्यीय समिति के चुनाव का नामांकन चल रहा है, जिसका चुनाव 29 जनवरी को है. जिसमें नामांकन के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ मौजूद रही. वहीं कार्यालय के बाहर पर्चा लेने के लिए लोग लाइन में खड़े थे और पर्चा ले रहे थे. वहीं उस दौरान दर्जनों लोगों ने चुनाव आयोग और मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारीयों पर आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया.

कुर्सी छिन जाने का डर

उनका कहना है कि आयोग निर्विरोध चुनाव कराने के लिए केवल सत्ताधारी पार्टी के लोगों को पर्चा दे रहा है और पुलिस अधिकारी उन्हें पर्चा लेने के लिए अंदर नहीं जाने दे रहे हैं. उन्होंने 12 सदस्यीय समिति के चुनाव का नामांकन चल रहा हैं.लगते हुए कहा कि पुलिस उनके साथ दुर्व्यवहार करने के साथ धक्का मारकर बाहर निकाल दिया.वहीं मामले पर सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा का कहना है कि अभी तक बीते चुनाव, चुनाव आयोग के माध्यम से नहीं होते रहे हैं, जिससे कुर्सी पर बैठे लोग सालों से अपना कब्ज़ा जमाये हैं. और इस साल पारदर्शिता लाने के लिए जिम्मेदारी चुनाव आयोग को सौंप दी गयी जिससे उनकी कुर्सी छिन जाने का डर है, जिससे ऐसे गुट के लोग हंगामा कर रहे हैं.

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