मध्यांचल विद्युत वितरण निगम अन्तर्गत लेसा की (electricity Billing) बिलिंग व्यवस्था के ठप्प होने की वजह से लेसा के विद्युत उपभोक्ताओं को हो रही असुविधा को लेकर उ0 प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आज नियामक आयोग अध्यक्ष देश दीपक वर्मा व सदस्य एस0 के0 अग्रवाल से मुलाकात कर एक जनहित प्रत्यावेदन सौंपा और लम्बी वार्ता की।
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3 दिनों से बिलिंग केन्द्र के आपरेटरों की हड़ताल
- उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल जनहित प्रत्यावेदन में यह मुददा उठाया गया।
- कि पिछले 3 दिनों से पूरे लेसा में बिलिंग केन्द्र के आपरेटरों की हड़ताल की वजह से बिलिंग व्यवस्था पूरी तरह ठप्प है।
- जिससे विद्युत उपभोक्ता चाह कर भी समय के अन्तर्गत अपना बिजली का भुगतान नही कर पा रहे हैं।
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- जिसके कारण उन्हें समय अवधि में बिल जमा करने की छूट नहीं मिल पा रही है।
- भविष्य में उन पर लेट पेमेन्ट सरचार्ज भी लगना तय है।
- जिससे लेसा के उपभोक्ताओं में काफी आक्रोश है।
- उपभोक्ता परिषद ने आयोग से ऐसे सभी विद्युत उपभोक्ताओं जो हड़ताल की वजह से बिजली का बिल नहीं जमा कर पाये उनकी निर्धारित जमा तिथियों को आगे बढाने की मांग उठायी थी।
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उपभोक्ताओं को ना हो कोई असुविधा
- उ0 प्र0 विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा व सदस्य एस0 के0 अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अविलम्ब सचिव विद्युत नियामक आयोग को आदेश जारी करने का निर्देश दिया।
- जिसके क्रम में आयोग के सचिव संजय श्रीवास्तव ने मुख्य अभियन्ता लेसा को यह निर्देश दिया कि ऐसे सभी विद्युत उपभोक्ताओं जिनके द्वारा नियत तिथि पर हड़ताल के चलते बिल नहीं जमा किया जा सका।
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- उनकी निर्धारित जमा तिथि को अविलम्ब आगे बढाया जाये।
- यह भी सुनिश्चित कराया जाये कि लेसा की बिलिंग व्यवस्था पूरी तरह अविलम्ब सामान्य हो।
- जिससे भविष्य में विद्युत उपभोक्ताओं को कोई असुविधा न हो।
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9 करोड़ राजस्व की रोजाना हानि
- उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा लेसा में बिलिंग का काम देख रही एजेन्सी ई-सुविधा पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा ऐसी क्या परिस्थति उत्पन्न की गयी।
- जिसके चलते राजस्व संग्रह का कार्य देख रहे आपरेटरों द्वारा हड़ताल की नौबत आयी।
- इसकी भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये।
- यदि किसी भी स्तर पर ई-सुविधा की लापरवाही सामने आये तो ई-सुविधा के खिलाफ भी कठोर कदम अविलम्ब उठाया जाना चाहिये।
- क्योंकि प्रत्येक दिन हड़ताल की वजह से (electricity Billing) लगभग 9 करोड़ राजस्व की हानि हुयी है।