आखिरकार काफी समय से चल रही उपभोक्ता परिषद (Electricity rate) की लड़ाई रंग लाई। पावर कार्पोरेशन ने अपने एआरआर को संशोधित कर लिया। बिजली कम्पनियों के कुल एआरआर 70461 करोड़ में कमी कर उसे 66078 करोड़ कर दिया है। राजस्व गैप में 3359 करोड़ की कमी औसत विद्युत आपूर्ति लागत में भी लगभग 17 पैसे की कमी हुई है।
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इन दरों में आ गई बिजली
- पहले कुल बिजली खरीद की लागत रू. 4.11 प्रति यूनिट था।
- अब यह दर रू. 3.90 प्रति यूनिट पहुंच गई है।
- उपभोक्ता परिषद ने मांग उठायी है कि रिटेल टैरिफ प्रस्ताव में बदलाव हो।
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- ग्रामीण व किसानों की व्यापक बिजली दर बढ़ोत्तरी प्रस्ताव वापस हो।
- उपभोक्ता परिषद की मुख्यमंत्री से मांग है कि मनगढ़ंत एआरआर के आंकड़ों में बदलाव से साबित हो गया है।
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- बिजली कम्पनियों ने आम जनता पर व्यापक भार डालने की साजिश की थी।
- ऐसे में कार्पोरेशन उच्च प्रबन्धन के (Electricity rate) खिलाफ कार्रवाई की भी उपभोक्ता परिषद ने की है।
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