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बिजनौर में हाथी की हत्या, तस्करों ने कई टुकड़े कर निकाले दांत

Elephant killed in Bijnor killed in Bijnor: smugglers removed teeth cuts of several pieces

Elephant killed in Bijnor killed in Bijnor: smugglers removed teeth cuts of several pieces

यूपी के बिजनौर जिला में अज्ञात वन तस्करों ने नजीबाबाद वन प्रभाग की बढ़ापुर रेंज के पाखरो सेक्शन के आरक्षित वन क्षेत्र में जंगली की निर्मम हत्या कर दी। इतना ही नहीं हाथी को मौत के घाट उतारने के बाद तस्करों ने हाथी को कई टुकड़ों में करके उसके अंगों को निर्ममतापूर्वक काटने के बाद जंगल में फेंक दिया। तस्करों ने हाथी के दांत निकाल लिए और हाथी के टुकड़े-टुकड़े करके छिन्न-भिन्न कर फेंककर फरार हो गए। इतना ही नहीं सबूत मिटाने के लिए विभागीय कर्मचारियों ने मौके पर जंगल में आग लगा दी, जिससे मौके पर हाथी का कोई अंग पड़ा हुआ दिखाई न दे। घटना की सूचना मिलने पर विभागीय उच्चाधिकारियो में हड़कंप मच गया और घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। फिलहाल अधिकारी पूरे मामले की पड़ताल में जुटे हुए हैं।

जानकारी के मुताबिक, नजीबाबाद वन विभाग के अंतर्गत पड़ने वाली बढ़ापुर वन रेंज के पाखरो सेक्शन के कंपाट संख्या 11 में रविवार को जंगली हाथी के कटे हुए अंग दिखाई पड़े। जंगल से ताल्लुक रखने वाले विश्वस्त सूत्रों ने इसकी सूचना रेंज के अधिकारियों को न देकर विभाग के आला अधिकारियों को दी। ऐसा प्रतीत होता है कि जानवरों के तस्करों ने पहले हाथी को मौत के घाट उतारा और उसके दांत निकाल लिए। इसके बाद हाथी के अंगों को काटकर जंगल में ही फेंक दिया। बताया जाता है कि जंगल में छिन्न-भिन्न पड़े थे। हाथी के विभिन्न अंगों से दुर्गंध आ रही थी।

दुर्गंध से हत्या का अंदाजा लगा रहे अधिकारी

दुर्गंध से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तस्करों ने जंगली हाथी की हत्या कई दिन पहले की होगी। बताया जाता है कि वन रेंज के अधिकारी व कर्मचारियों ने इस घटना का सुबूत नष्ट करने के लिए मौके पर जंगल में आग लगानी शुरू कर दी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेंज के अधिकारी व कर्मचारियों को पहले ही इस घटना के बारे में जानकारी थी, लेकिन उन पर कोई आंच न आए इसलिए विभाग के आला अफसरों को उन्होंने बताना भी गवारा नहीं किया और मौके से सबूत नष्ट करने शुरू कर दिए। मुखबिर ने इसकी सूचना वन विभाग के आला अफसरों को दी सूचना मिलते ही नजीबाबाद में बैठे हुए विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

आदिवासी वन गुर्जरों के डेरों पर वन अधिकारियों की नजर

बढ़ापुर रेंज का यह क्षेत्र जहां पर यह घटना घटित हुई है, इसके पूरब दिशा में ग्राम रामजी वाला दक्षिण में खेतिहर भूमि उत्तराखंड की सीमा लगती है। घटनास्थल से बामुश्किल लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर उत्तराखंड की राज्य की पाखरो वन रेंज वह लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर बढ़ापुर वन रेंज स्थित है। इसी आरक्षित वन क्षेत्र में आदिवासी वन गुर्जरों के डेरे भी पड़े हुए हैं, लेकिन इतनी बड़ी घटना की किसी को कानों-कान भी खबर नहीं हुई बस इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेंज में बैठे हुए अधिकारी व कर्मचारी कितने बड़े पैमाने पर जंगल में गश्त कर रहे हैं।

पहले से ही चलता है हाथी के दांतों की तस्करी का खेल

जिले में हाथी के दांतों की तस्करी का खेल पहले से चलता रहा है। वनों में सक्रिय तस्कर हाथी को बेहोश करके उसके दांत तो निकालते आए हैं पर अब तस्कर हाथी को मार कर उसके दांत निकाल रहे हैं। अफसर इस उधेड़बुन में जुट गए हैं कि कौन से तस्करों का गैंग वनों में सक्रिय हो गया है। हाथी के दांत बेशकीमती होते हैं। ये दांत सिर से गायब बालों को उगाने, शक्तिवर्धक दवा बनाने व महिलाओं के आभूषण आदि बनाने में काम आते थे।

हरियाणा का गैंग हाथी के दांतों की तस्करी करने में सक्रिय

पहले हरियाणा का गैंग हाथी के दांतों की तस्करी करता था। वनों में रहने वाले लोगों को अपने साथ जोड़कर ये तस्करी की जाती थी। कई सालों से गजराज के दांतों की तस्करी का खेल बंद था। वनों में गजराज सबकी नजरों में रहते हैं। वन विभाग की टीम की भी गजराजों पर पैनी नजर रहती थी। उत्तराखंड से जुड़े राजाजी पार्क में बिजनौर जिले का भागूवाला तक का क्षेत्र आता है। जिम कार्बेट पार्क में कालागढ़ के साथ रेहड़ से आगे का वन क्षेत्र आता है। राजाजी व जिम कार्बेट पार्क में गजराजों की भरमार है। आलम यह है कि इन वनों से निकलकर गजराज सड़कों तक पर निकल आते हैं। ये गजराज निकलकर बढ़ापुर वन रेंज व अन्य वनों में भी घूस जाते हैं। गजराज का शिकार करने वाले माफिया वनों में गजराज को घेरने के लिए जाल बिछाते हैं।

दांत निकालने के लिए पहले बेहोश किया जाता है हाथी

सूत्रों के मुताबिक गजराज के दांत निकालने के लिए पहले उसे कुछ खिलाकर बेहोश किया जाता है। या सिर पर गोली मारकर गजराज को मारकर दांत निकाले जाते हैं। अब तस्करों ने गजराज का शिकार करने के लिए नए नए तरीके इजाद कर लिए हैं। बढ़ापुर वन रेंज में गजराज का क्षत विक्षत शव मिलने से अफसरों के होश उड़ गए थे। वन विभाग के अफसर यह पता लगाने में जुट गए हैं कि गजराज की हत्या करके उसके दांत किस गैंग ने निकाले हैं। कहीं गैर राज्य के गैंग तो वनों में सक्रिय नहीं हो गए हैं। आरक्षित वन क्षेत्र में आदिवासी वन गुर्जरों के डेरे भी पड़े हुए हैं लेकिन इतनी बड़ी घटना की किसी को कानों-कान भी खबर नहीं हुई। यह बात वन रेंज के अधिकारियों व कर्मचारियों के जंगल में गश्त की पोल खोलती है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

डिवीजन के एसडीओ अखिलेश मिश्रा तुरंत मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया इस दौरान एसडीओ व रेंज अधिकारी से संपर्क किया गया पर उनके जंगल में होने के कारण बात नहीं हो पाई। डीएफओ नजीबाबाद उदयवीर सिंह ने बताया कि सूचना मिलने के तुरंत बाद एसडीओ अखिलेश मिश्रा के नेतृत्व में टीम मौके पर रवाना कर दी गई है और वह स्वयं भी मौके पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाथी के अवशेष अंगों का अंतिम परीक्षण कराया जाएगा और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही हाथी की मौत की वजह का खुलासा होगा।

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