पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से पुरानी पेंशन बहाली मंच (उ.प्र.) के नेतृत्व में आये हजारों की संख्या में कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारियों ने आशियाना स्थित ईको गार्डेन में जोरदार प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन की मांग की। कर्मचारियों के विधान भवन का घेराव करने के डर से ईको गार्डन के बाहर भारी मात्रा में पुलिस, पीएसी और आरपीएफ के जवान तैनात रहे। गेट पर ही तैनात सुरक्षाकर्मी कर्मचारियों की गतिविधियों पर नजर गढ़ाए बैठे दिखाई दे रहे थे। उधर, वाहनों को परिसर में आने से रोका गया तो सड़क पर ही वाहनों की कतारें लग गई। लखनऊ में आयोजित इस प्रदेश स्तरीय महारैली में अन्य प्रांतों के विभिन्न संगठनों के उच्च पदाधिकारियों सहित प्रदेश के प्रत्येक विभागों के कर्मचारी, अधिकारी तथा शिक्षकों सहित हजारों लोगों ने रैली में शामिल होकर अपनी आवाज बुलन्द की।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]उपमुख्यमंत्री से मिला मंच का प्रतिनिधि मंडल[/penci_blockquote]
पुलिस ईको गार्डन में पहरा देती ही रह गई तब तक सैकड़ों कर्मचारी विधानभवन के बाहर पहुंच गए और विधानसभा का घेराव कर लिया। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को इकट्ठा हुए कर्मचारियों ने विधानसभा का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। पेंशन बहाली मंच के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार को धमकी दी कि अगर उनकी मांगें न मानी गई तो सरकार परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। विधानसभा के घेराव की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन के होश उड़ गए। आनन-फानन में पुलिस बल मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारियों को समझाबुझाकर वहां से चलता कर दिया। उधर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मंच के एक प्रतिनिधि मंडल को वार्ता की। वार्ता सफल होने पर मंच के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन समाप्त करने का एलान किया। सरकार ने उन्हें उनकी समस्याएं जल्द मानने का आश्वासन दिया। इसके बाद कर्मचारियों का प्रदर्शन समाप्त हो गया।
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पुरानी पेंशन बहाली मंच (उ.प्र.) के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। अगर एक अप्रैल 2005 के बाद भर्ती हुए कर्मचारी के साथ कोई हादसा होता है, तो सामाजिक सुरक्षा के नाम पर उसके परिवार को कोई सुविधा नहीं मिलती। प्रदेश और देश को चलाने में कर्मचारियों, शिक्षकों, इंजीनियरों और अधिकारियों की विशेष भूमिका है, पर प्रदेश में उनकी उपेक्षा की जा रही है। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव जीएन सिंह ने कहा कि 24 हजार से ज्यादा इंजीनियर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। अगर अब भी सरकार नहीं चेती तो हड़ताल करने से भी नहीं चूकेंगे।
पेंशन बहाली मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि न्यू पेंशन स्कीम की राशि शेयर मार्केट में लगाई जाती है। इसमें न्यूनतम पेंशन की कोई गारंटी न होने से शिक्षकों और कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय है। अगर पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो प्रदेश की मौजूदा सरकार परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र निगम ने बताया कि काफी संख्या में सहायक अभियंता महारैली में मौजूद रहे। वहीं, मंच के प्रवक्ता मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे यूनियन के नेता शिवगोपाल मिश्रा समेत सभी नेता महारैली में शामिल हुए। महारैली कार्यक्रम को सुचारु ढंग से चलाने के लिए कई टीमें बनाई गई थी। साथ ही एलसीडी भी लगाई गई थी। रैली में मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चन्द शर्मा तथा केंद्रीय कर्मचारी संगठन से रेलवे के आरके पांडेय, संचार विभाग से वीरेन्द्र तिवारी और आयकर विभाग के जेपी सिंह आदि ने संबोधित किया।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]महारैली में 24 हजार जूनियर इंजीनियरों ने लिया भाग[/penci_blockquote]
महारैली में डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के नेतृत्व में प्रदेश की अभियंत्रण सेवा से जुड़े 24 हजार जूनियर इंजीनियर ने भी भाग लिया। उप्र सचिवालय सेवा संवर्ग के कर्मचारी व अधिकारी ने सोमवार दोपहर एक बजे सचिवालय के बास्केटबॉल ग्राउंड में एकत्र होकर पुरानी पेंशन की बहाली की मांग पर चर्चा की। कर्मचारियों को लेकर बाहर से आने वाले वाहनों की मानीटरिंग के लिए 20 टीमें लगाई गई थी। डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव गोविन्द नारायण सिंह ने बताया कि महारैली में लोक निर्माण विभाग से वीके कुशवाहा, सेतु निगम से एसपी गुप्ता व दिवाकर गौतम, सिंचाई विभाग से ओपी राय, राजकीय निर्माण निगम से एसडी द्विवेदी, मिर्जा फरोज शाह, आवास विकास परिषद, विकास प्राधिकरण, जल निगम आदि से जूनियर इंजीनियर्स ने सामूहिक रूप इस महारैली में भागीदारी की।
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