उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी दफ्तरों में काम चोरी रोकने के लिए कर्मचारियों की बायोमेट्रिक हाजिरी की शुरुआत की तो इस कामचोर कर्मचारियों ने उसका भी तोड़ निकाल लिया. बता दें कि इन कामचोर कर्मचारियों को इसके लिए जेब से मात्र दो सौ से तीन सौ रूपये ही खर्च करने पड़े हैं. जिसके बाद अब ये कर्मचारी वापस मर्ज़ी के मुताबिक कार्यालय में आने-जाने लगे हैं.
बायोमेट्रिक मोहर से लगा सकते है बायोमेट्रिक हाजिरी-
- यूपी की योगी सरकार ने सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में बायोमेट्रिक हाजिरी की शुरुआत की थी.
- जिससे दफ्तरों में कार्य और स्कूलों में पढ़ाई समय से चल सके.
- मगर कामचोर कर्मचारियों ने अब सरकार की इस योजना का तोड़ निकाल लिया है.
- बता दें कि बड़े पैमाने पर सरकारी कर्मचारी फिंगर प्रिंट स्केन कर के बायोमेट्रिक मोहर बनवा रहे हैं.
- यही मोहर बायोमेट्रिक हाजिरी मशीन का तोड़ है.
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- आप को बता दें कि मार्किट में बायोमेट्रिक मोहर महज आधे घंटे में बन जाती है.
- जिसके लिए मात्र दो सौ से तीन सौ रूपये ही खर्च करने पड़ते हैं.
- जिसके बाद कोई भी इस मोहर को बायोमेट्रिक मशीन पर लगाकर किसी की भी हाजिरी लगा सकता है.
- बता दें कि बायोमेट्रिक मशीन पर ये मोहर ठीक वैसे ही काम करेगी जैसा की अंगूठा कार्य करता है.
- इस बायोमेट्रिक मोहर के ज़रिये कर्मचारी घर बैठे ही हाजिरी लगा सकते हैं.
मुरादाबाद में हैं एक दर्जन से अधिक बायोमेट्रिक मोहर बनाने की दुकानें-
- आप को बता दें कि सिर्फ मुरादाबाद में ही बायोमेट्रिक मोहर बनाने की एक दर्जन से अधिक दुकाने हैं.
- एक दुकानदार ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यह मोहर सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारियों द्वारा बनवाई जाती हैं.
- इसके लिए सरकारी कर्मचारी 2000 रूपए भी देने को तैयार हो जाते हैं.
- दूकानदार ने बताया कि वो खुद दो हजार से ज्यादा बायोमेट्रिक मोहरें बना चूका है.
- इसके साथ ही दूकानदार ने ये भी दावा किया है कि उसके पास से आधार कार्ड बनाने वालों ने भी सार्वाधिक मोहरे बन बनवाई हैं.
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