मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ‘खाकी’ का खौफ लगातार जारी है। ताबड़तोड़ हो रहे एनकाउंटर से अपराधियों में खौफ तो इस कदर कायम हुआ कि उनमें जमानतें निरस्त कराकर कोर्ट में सरेंडर करने की होड़ लग गई। अपराधियों में पुलिस का खौफ इस कदर व्याप्त हो गया कि वह जेल से बाहर आने में भी घबरा रहे हैं। जो अपराधी जेल के बाहर हैं वो अंडरग्राउंड हो गए हैं।
यूपी के बरहाइच में मंगलवार की देर रात पुलिस और डकैतों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। पुलिस ने इस मुठभेड़ में तीन बदमाशों को घायल कर गिरफ्तार कर लिया है। वहीं घंटों चली इस मुठभेड़ में 1 इंस्पेक्टर व 2 सिपाही गंभीर रूप से घायल हुए हैं। फिलहाल, सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। टीम में कुल 8 बदमाश थे लेकिन मुठभेड़ और अंधेरे का फायदा उठाकर 5 भागने में कामयाब रहे। जिनकी तलाश में पुलिस की कई टीमें काम्बिंग कर रही हैं। बदमाशों पर 1 एडीजी जोन गोरखपुर की तरफ से 1 लाख का इनाम पहले से घोषित था। जबकि इस मुठभेड़ के बाद एसपी की तरफ से 25 हजार और डीआईजी की तरफ से 50 हजार का इनाम घोषित किया गया।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार की रात पुलिस को सूचना मिली थी कि रुपईडीहा इलाके में 8 डकैतों की टीम इलाके में किसी बड़ी डकैती को अंजाम देने के फिराक में घूम रहे है। सूचना मिलते ही पुलिस अलर्ट हो गई और इलाके में घेराबंदी शुरू कर दी। जैसे ही सीतापुर से आए डकैत भारत नेपाल सीमा स्थित जैतानहर पार कर गांव में घुसने का प्रयास कर रहे थे तो पुलिस ने उन्हें घेर लिया। पुलिस ने घेराबंदी कर डकैतों को सरेंडर करने को कहा, जिसके बाद असलहे से लैस डकैतों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से तकरीबन एक घंटे तक फायरिंग होती रही।
डकैतों की गोली से एसएसटी टीम प्रभारी जय नारायण शुक्ल, कोतवाली नानपारा में तैनात सिपाही अवनीश विक्रम सिंह व एसओजी में तैनात सिपाही रविन्द्र यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए डकैतों पर फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में 3 डकैतों को भी गोलियां लगी हैं। एसपी जुगलकिशोर ने बताया कि पकडे गए तीनों बदमाश सीतापुर जनपद के रहने वाले हैं। जिनमें से एक उम्रकैद की सजा पा चुका है। जबकि दूसरा ह्त्या के मामले में वांछित है, वहीं तीसरा बदमाश हिस्ट्रीशीटर बताया जा रहा है।