अपनी बेलगाम खबरों से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाने वाले ईटीवी के सीनियर एडिटर रहे ब्रजेश मिश्रा के चैनल छोड़ते ही चैनल मैनेजमेंट में हाहाकार मच गया है। ब्रजेश मिश्रा के जाते ही चैनल पूरी तरह से डूब गया है और मैनेजमेंट ने हाथ खड़े कर दिये हैं। कभी 68% की टीआरपी के साथ उत्तर प्रदेश का नंबर वन न्यूज चैनल बना ईटीवी आज चौथे पायदान पर है। चैनल की टीआरपी बुरी तरह से धड़ाम होकर 9% रह गयी है। आज की टीआरपी से ईटीवी मैनेजमेंट में मातम पसरा हुआ है।
- ईटीवी के सीनियर एडिटर रहे ब्रजेश मिश्रा ने एक झटके में ईटीवी प्रबंधन की नींद उड़ा दी है।
- एक तरफ जहां ईटीवी मैनेजमेंट के सामने इस्तीफों की बाढ़ आ गयी है।
- वहीं, दूसरी तरफ दर्शकों का भी चैनल से मोह भंग हो गया है।
- ब्रजेश मिश्रा के जाने के बाद ईटीवी की लोकप्रियता भी खत्म होने के कगार पर है।
- कई बड़े रिपोर्ट्स समेत ईटीवी ऑफिस के स्टॉफ कर्मचारी भी चैनल से नाता तोड़ चुके हैं।
- ब्रजेश मिश्रा के जाने के बाद रिपोर्ट्स किसी भी कीमत पर चैनल में काम करने को तैयार नहीं है।
अस्तित्व बचाने के संकट से जूझ रहा ETV:
- दरअसल, ब्रजेश मिश्रा ने ईटीवी को उस वक्त शोहरत दिलाई थी, जब चैनल पहचान के संकट से गुजर रहा था।
- ब्रजेश मिश्रा के आने से पहले ईटीवी की पहचान एक न्यूज चैनल की कम और एंटरटेनमेंट चैनल की अधिक थी।
- चैनल का कोई संवाददाता जब ईटीवी का नाम लेता, तो लोग जी टीवी समझते थे।
- मालूम हो कि 2003 में एक और चैनल सहारा समय यूपी में लॉन्च हुआ था।
- देखते ही देखते सहारा समय ईटीवी से काफी आगे निकल गया था।
- लेकिन ब्रजेश मिश्रा के आने के बाद तो ईटीवी को जैसे संजीवनी ही मिल गई।
- ये ब्रजेश मिश्रा की कार्यशैली ही थी जिसने ईटीवी को खबरों की दुनिया का बादशाह बनाया था।
- अब उनके अलविदा कहते ही खबरों की दुनिया का ये बादशाह- “बेताज” हो गया है।
- हालात यह हो गए हैं कि कभी नंबर 1 रहा ईटीवी, अब अस्तित्व बचाने के संकट से जूझ रहा है।