2019 के लोकसभा चुनावों के पहले सभी पार्टियों ने अपने संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया है। इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में सभी पार्टियों के लिए निर्णायक रहने वाला है। खास तौर पर लगातार 3 चुनावों में हार का सामना करने वाली बहुजन समाज पार्टी के लिए ये चुनाव उसका भविष्य तय कर देगा। इस बीच बसपा प्रमुख मायावती ने अपने एक दिग्गज नेता को पार्टी से निकाल दिया है जिसके बाद उनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने की खबरें आनी शुरू हो गयी हैं।
पूर्व विधायक को किया निष्कासित :
बहुजन समाज पार्टी ने सदस्यता शुल्क में गबन का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। भगवान सिंह पूर्व में लगातार खेरागढ़ से 2 बार विधायक रह चुके हैं। पूर्व विधायक के निष्कासन की घोषणा खेरागढ़ में विधानसभा और सेक्टर कमेटी की बैठक में की गई। बसपा के टिकट पर वे 2007-2012 में भगवान सिंह कुशवाह विधायक रहे हैं हालाँकि 2017 में वे चुनाव हार गए थे। इसके बाद से पूर्व विधायक ने बसपा के पार्टी फंड में सदस्यता शुल्क जमा नहीं कराया था। सदस्यता शुल्क जमा करने के लिए कई बार उन्हें कहा गया मगर पूर्व विधायक ने शुल्क जमा नहीं कराया। इसके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाह को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया।
बसपा लेती है 50 रूपये :
बहुजन समाज पार्टी के सूत्रों के अनुसार, पार्टी सदस्यों से हर साल 50 रुपये सदस्यता शुल्क लिया जाता है। सदस्यों से ये शुल्क संगठन के पदाधिकारी और विधानसभा प्रभारी लेते हैं। इसके अलावा टिकट आवंटन से लेकर पार्टी के कार्यक्रम के लिए फंड जुटाया जाता है। बसपा के कुछ पूर्व विधायक काफी दिनों से ये फंड नहीं दे रहे थे और उन पर लाखों रुपये बकाया हो गया था। पूर्व विधायक मधुसूदन शर्मा के बाद दूसरे विधायक का निष्कासन बसपा के लिए दूसरा बड़ा झटका है। इसके पहले निकाय चुनाव में भी बसपा के कई पार्षद बागी हो गए थे। निष्कासन के बाद पूर्व विधायक ने कहा कि मुझ पर पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप गलत हैं। सपा-भाजपा ने कई बार मुझे पार्टी में शामिल होने का आमंत्रण दिया मगर मैंने हमेशा उन्हें मना कर दिया। बसपा के लिए हमेशा ईमानदारी से काम किया है।