कासगंज जिले के सोरो विकास खण्ड क्षेत्र के गुरहना गांव निवासी पूर्व प्रधान कभी बंदूक को अपनी शान और शौकत समझते थे लेकिन अब उसी बन्दूक को सरेंडर करने के लिए जिलधिकारी के समक्ष गुहार लगा रहें हैं। दरअसल मजबूरी है बीपीएल कार्ड की। पूर्व प्रधान ने बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए जिलाधिकारी के सामने अपनी बंदूक सरेंडर करने की गुहार लगाई है।
नियमों के मुताबिक असलहे का लाइसेंस धारक व्यक्ति बीपीएल की श्रेणी में नहीं आ सकता है, इसीलिए गुरहना गांव के पूर्व प्रधान इस्तियाक ने जिलाधिकारी के सामने अपनी बंदूक सरेंडर करने की गुहार लगायी है। गरीबी के कारण इस्तियाक के लिए परिवार का खर्च उठाना मुश्किल हो गया है, इसलिए अब वह बीपीएल कार्ड बनवाना चाहते हैं। जिसके लिए पहले उन्हें बंदूक सरेंडर करनी होगी।
कासगंज के जिलाधिकारी विजय पांडियन ने इस्तियाक को भरोसा दिलाया है कि बंदूक सरेंडर करने के बाद उनका बीपीएल कार्ड बनवा दिया जाएगा।
गुरहना निवासी 60 वर्षीय पूर्व प्रधान आज अपनी गरीबी के चलते अपनी बंदूक सरेंडर करने को मजबूर हो गये है, प्रधान का कहना है कि उनके पास यह बन्दूक पिछले काफी समय से है, और बीपीएल कार्ड की खातिर उन्हें इसे खुद से अलग करना होगा, लेकिन परिवार की मौजूदा हालात को देखते हुए उन्होने निर्णय किया है कि वह अपना लाइसेंस निरस्त करने का आवेदन करेंगे।