उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने 6 महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इन 6 महीनों में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी बातें और कई अहम मुद्दों पर uttarpradesh.org ने स्वास्थ्य मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह से खास बातचीत की. इस दौरान सिद्धार्थनाथ सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अलावा राज्य की अन्य समस्याओं पर भी खुलकर बात की.

सिद्धार्थ नाथ सिंह के साथ uttarpradesh.org की खास बातचीत

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताई स्वास्थ्य मंत्रालय के सामने चुनौतियाँ:

सवाल: 6 महीने ने पूर्व आपको स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी मिली, इसे एक चुनौती के रूप में आप किस प्रकार से देखते हैं?

सिद्धार्थ नाथ सिंह: स्वास्थ्य विभाग पहले स्वास्थ्य के लिए जाना ही नहीं जाता है, दवाई मेडिकल और अन्य सुविधाओं के लिए पैसा.. ये विभाग स्वास्थ्य विभाग न होकर पैसा कमाने का जरिया बन गया था. सबसे बड़ी चुनौती यही थी और मुझे ख़ुशी है कि इस चुनौती से निकलते जा रहे हैं. दूसरी चुनौती डॉक्टर्स की कमी थी, विभाग की जिम्मेदारी लेने पर साधे 7 हजार डॉक्टर्स की कमी थी. हमनें उम्र की सीमा को 60 से 62 साल किया तो हजार डॉक्टर्स आये. फिर 1000 डॉक्टर्स का वाक-इन इंटरव्यू लिया. इसके बाद लोक सेवा आयोग जिसके पास चयन के लिए 2011 से लंबित था मामला, 2065 डॉक्टर्स मिले.. तो कुल मिलाकर 6 महीने में काफी काम किया और आगे भी स्वास्थ्य विभाग को पटरी पर लाने के लिए कार्य करेंगे. 

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सवाल: 2065 डॉक्टरों की नियुक्ति की बात आपने की, जबकि नर्सों को लेकर भी समस्याएं हैं, RML में भी ये मामला उठा था?

सिद्धार्थ नाथ सिंह: हमनें संविदा में जितने मामले पड़े थे, उसको क्लियर कर लिया है.. इसके अलावा जो भी पिछली सरकार का मामला हाई कोर्ट में था, उसको भी हल कर लिया गया है.

सवाल: मेडिकल कॉलेज में पिछले सत्र में 40 फीसदी सीट खाली रही हैं. जबकि सरकार ने मेनिफेस्टो में 6 एम्स और 25 मेडिकल कॉलेज की बात की थी?  ऐसे में मेडिकल कॉलेज को लेकर क्या उपाय किये जा रहे हैं?

सिद्धार्थ नाथ सिंह: 6 सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल खोले जा रहे हैं, वो मेडिकल कॉलेज नहीं होते हैं. गोरखपुर और अमेठी में ये स्पेशलिटी हॉस्पिटल खोले जा रहे हैं. इसके बाद 4 अन्य स्पेशलिटी हॉस्पिटल रह जायेंगे और जो एडमिशन की बात है, वो उन्हीं जगहों से होंगे. 

हॉस्पिटल,एम्बुलेंस व डॉक्टर्स की बदसलूकी और पैसे मांगने के सवाल पर:

सवाल: एम्बुलेंस को लेकर काफी विवाद सामने आये हैं, कई तो सवारी ढोती नजर आई हैं, अस्पताल में डॉक्टर्स की बदसलूकी हो या पैसे लेकर इलाज लेने करने की बात सामने आई है?

सिद्धार्थ नाथ सिंह: हमलोग इस प्रकार के मामलों में सुधार की कोशिश कर रहे हैं, जो भी मामले सामने आये हैं, सबूत मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई जरुर की जाएगी.

BRD मेडिकल कॉलेज में हो रही बच्चों की मौतों पर:

सवाल: BRD में मौतों का सिलसिला अभी भी जारी है.. पिछले 24 घंटे में 13 जानें गईं.. यूपी की सरकारें इसपर काबू पाने में सफल नहीं हो पा रही हैं.

सिद्धार्थ नाथ सिंह: हमें नहीं लगता कि इसका आंकलन इस प्रकार से किया जाना चाहिए, पिछले 30 में क्या आंकलन किया गया, इसका जवाब भी देना चाहिए. विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए लड़ाई लड़ी है. 20 जिलों में PICU शुरू किये हैं, इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर शुरू किये गए हैं, डॉक्टर्स को ट्रेनिंग दी जा रही है. हमें ख़ुशी है कि जापानी इंसेफेलाइटिस के लिए वैक्सीनेशन किये, JE के मामले कम हुए हैं, AES का कोई प्रिवेंशन नहीं है लेकिन प्राथमिक उपचार के जरिये इनको कण्ट्रोल करने की कोशिश की जा रही है. 

सवाल: बिजली कटौती से सूबा हाल के दिनों में त्रस्त रहा है.. लेकिन सरकार कहती है सभी को बिजली पर्याप्त मिल रही है?

सिद्धार्थ नाथ सिंह: इसको दो तरीके से देखना होगा, क्या सरकार जितनी बिजली चाहिए वो ले रही है, तो हाँ.. वहीँ सब स्टेशन से फीडर लाइन तक पहुँचाने का काम हो रहा है, लगातार हो रहा है कि क्योंकि बिजली की व्यवस्था बहुत जर्जर रही है. जहाँ फीडर लाइन कमजोर है वहां ड्रॉप हो रहा है. जहाँ-जहाँ दिक्कतें आ रही हैं, अगले 6-8 महीनों में ये व्यवस्था सुचारू रूप से चल पड़ेगी. 

बीएड और शिक्षामित्रों के मुद्दे पर बोले सिद्धार्थ नाथ सिंह:

सवाल: आरटीई एक्ट 2009 के तहत उत्तर प्रदेश में पौने तीन लाख पद खाली हैं, बीएड TET अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज भी किया गया, उनकी मांग है कि सरकार उनकी भर्ती करे?

सिद्धार्थ नाथ सिंह: जहाँ तक भर्तियों की बात है तो लोक सेवा आयोग में कुछ खामियां थी, उसमें सुधार करते हुए कार्य किया जा रहा है और बहुत जल्दी इसपर अंतिम फैसला भी लिया जायेगा.

सवाल: शिक्षामित्रों को लेकर कैबिनेट में जो प्रस्ताव पास हुआ और वेटेज देने की बात की गई, उसको लेकर शिक्षामित्रों में कंफ्यूजन है?

सिद्धार्थ नाथ सिंह: शिक्षामित्रों की समस्या हमारी उत्पन्न की हुई नहीं है, वो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. 5वीं क्लास के बच्चे 2 और 2 चार नहीं कर पा रहे हैं और ये नीति आयोग का है. कहीं न कहीं खामियां हैं जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया. जिन शिक्षामित्रों को नुकसान हो रहा था उनके साथ बात करके उनको 2 मौका दे रहे हैं. शिक्षामित्रों के संघ ने निगोसिएट किया और अच्छा खासा निगोसिएट किया तो हमें नहीं लगता कि कहीं कोई कंफ्यूजन है. 

सवाल: आगामी बोर्ड परीक्षा नक़ल विहीन समाप्त कराना सरकार के लिए चुनौती है? सरकार CCTV लगाने की बात करती है लेकिन कई स्कूलों में बिजली ही नहीं है. 

सिद्धार्थ नाथ सिंह: इसपर सरकार ने काफी काम करना शुरू किया है, नक़ल विहीन परीक्षा संकल्प पत्र में भी है, CCTV लगाये जायेंगे. ग्रामीण इलाकों में स्कूलों में बिजली पर भी काम किया जा रहा है. 

सपा के आरोपों पर बोले सिद्धार्थ नाथ सिंह

सवाल: पूर्व सपा सरकार आरोप लगा रही है कि भाजपा सरकार ने उनकी योजनाओं को हाईजैक कर लिया?

सिद्धार्थ नाथ सिंह: हमें नहीं लगता है कि ऐसा है. जब उन्होंने कोई योजना चलाई ही नहीं तो हाईजैक का क्या सवाल है. मुझे लगता है अखिलेश यादव को इन चीजों पर कम ध्यान देना चाहिए. उन्हें संगठन मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए, परिवार का झगड़ा कैसे ख़त्म हो इसपर ध्यान दें, बूथ पर कार्यकर्ता फिर कैसे खड़ें होंगे, अगर वो इसपर रौशनी डालेंगे तो तो कुछ काम कर पाएंगे.

ताज को लेकर विवाद पर बोले सिद्धार्थ नाथ सिंह

सवाल: ताज महल को पर्यटन की सूची से हटाये जाने की ख़बरें चलीं, इसको लेकर विवाद बढ़ने लगा था जिसके काफी देर के बाद सरकार ने इसपर सफाई दी?

सिद्धार्थ नाथ सिंह: बुकलेट में स्पष्ट लिखा था कि ये धार्मिक स्थल का कार्यक्रम है, अब उसको लेकर किसी पत्रकार को लगा तो ख़बरें चला दी. ताज पहले से ही सूची में है और जेवर एयरपोर्ट भी ताज के टूरिज्म के लिए लाया जा रहा है. वर्ल्ड बैंक से आगरा के लिए 300 करोड़ लिया जिसमें से 156 करोड़ ताज के लिए था, तो विवाद कहीं है कि नहीं जो भी ख़बरें आई ऊपर सरकार ने अपनी बात स्पष्ट कर दी थी. 

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