देश में मोदी सरकार को बने हुए तीन साल हो गए लेकिन उन्होंने किसी भी किसान (bhartiya kisan union) संगठन या किसान नेता से बात नहीं की है। सरकार और किसानों के बीच में जो कम्युनिकेशन गैप है वह बिना आंदोलन के हल नहीं होने वाला।
- मध्य प्रदेश के मंदसौर में हाल में हुई इतनी बड़ी घटना के बाद भी पीएम ने किसानों से वार्ता नहीं की।
- यह कहना है भारतीय किसान यूनियन के लखनऊ मंडल अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा का।
- हरिनाम ने uttarpradesh.org से खास बातचीत करते हुए अपने आगे के आंदोलन के बारे में जानकारी दी।
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हरिद्वार में बनेगी आंदोलन की रणनीत
- मध्य प्रदेश में मारे गए किसानों की घटना के बाद से पूरे देश के किसान (bhartiya kisan union) आंदोलन करने के लिए तैयार हो गए हैं।
- इसके चलते 15 जून को दिल्ली में जंतर-मंतर पर सांकेतिक धरना दिया जायेगा।
- यह प्रदर्शन देश व्यापी होगा, इसमें 8 राज्यों से हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहेंगे।
- उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शन के बाद 16 और 17 तारीख को रणनीति तैयार की जायेगी।
- अगर संगठन के पदाधिकारियों को सहमति बनेगी को 18 तारीख को हरिद्वार में देश व्यापी आंदोलन होगा।
- इतना ही नहीं अगर जरुरत पड़ी तो उत्तराखंड की नदियों का पानी भी बंद कर दिया जायेगा।
- साथ ही दिल्ली का भी पानी किसान बंद कर देंगे।
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सब्जियों का भी मूल्य हो निर्धारित
- उन्होंने कहा कि दूध और सब्जी का भी रेट निर्धारित होना चाहिए।
- साथ ही उन्होंने यूपी में बिजली दरें वापस लेने की मांग की है।
- उन्होंने किसानों के धान का खरीद रेट 2000 प्रति क्विंटल की मांग की है।
- उन्होंने मध्य प्रदेश में किसान नेताओं को रिहा करने की भी मांग की है।
- किसान यूनियन के नेता ने कहा कि आंदोलन के दौरान इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं की जायेंगी।
- एम्बुलेंस और किसी प्रशासनिक अधिकारी की गाड़ी को भी नहीं रोका जायेगा, (bhartiya kisan union) जिससे कोई काम प्रभावित हो।
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